कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस कीबोर्ड की पूरी जानकारी हिंदी में
हार्डवेयर (Hardware)
कंप्यूटर के सभी कलपुर्जे, भागो, उपकरणों आदि को हार्डवेयर कहा जाता है हार्डवेयर को हम आंखों से देखते तथा हाथों से छू सकते हैं हार्डवेयर स्वयं कोई कार्य नहीं करता इससे कार्य कराने के लिए सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है कंप्यूटर के में प्रयुक्त होने वाली हार्डवेयर का वितरण निम्न प्रकार है।
इनपुट डिवाइस/युक्तियां (Input Devices)
वे युक्तियां जिनका प्रयोग उपयोगकर्ता के द्वारा कंप्यूटर को डाटा और निर्देश को प्रदान करने के लिए किया जाता है इनपुट युक्तियां कहलाती है इनपुट युक्तियां उपयोगकर्ता (User) से इनपुट लेने के बाद इसे मशीनी भाषा में परिवर्तित करके सीपीयू के पास भेज देती है।
एक अच्छे डेटा इनपुट के लिए चार महत्वपूर्ण विशेषताएं है —
- समयबद्धता (Timelines)
- शुद्धता और (Accuracy and)
- संभावित उपयोगिता (Potential Usefulness)
- स्रोत दस्तावेज़ (Source Document)
(1) समयबद्धता– समय पर डेटा वह डेटा है जो कार्रवाई के लिए पर्याप्त तेज़ी से एकत्र और संसाधित किया जाता है। उदाहरण के लिए, बिजली विभाग में ऑन-लाइन सिस्टम में वोल्टेज और करंट का डेटा लगातार इनपुट होता है। जब भी वोल्टेज या करंट का डेटा खतरे के निशान से नीचे या ऊपर होता है, यानी डेटा को भी एक साथ प्रोसेस किया जाता है। अलार्म चालू हो जाता है और पूरा सिस्टम बंद हो जाता है ।(2) शुद्धता– अलार्म को चालू करने के लिए सूचनात्मक जरूरतों को सहेजने के लिए डेटा सटीक होना चाहिए। उदाहरण के लिए, अलार्म किसी अन्य पर नहीं चलना चाहिए जो निर्दिष्ट मान के बराबर नहीं है।
(3) संभावित उपयोगिता– डेटा कच्चा होता है और तब तक किसी काम का नहीं होता जब तक कि यह तार्किक, आवश्यकता से संबंधित न हो। जब इस डेटा को संसाधित किया जाता है तो यह एक जानकारी बन जाती है जो निर्णय लेने में मदद करती है। तो कम्प्यूटरीकृत इनपुट की तैयारी उपयोगी जानकारी के निर्माण में पहला कदम है।
(4) स्रोत दस्तावेज़– अधिकांश व्यावसायिक सूचना प्रणालियों में, स्रोत दस्तावेज़ मैन्युअल रूप से तैयार किए जाते हैं। स्रोत दस्तावेजों के उदाहरणों में कर्मचारी आवेदन पत्र, जमा पर्ची, चालान और बिक्री टिकट शामिल हैं।
कुछ प्रमुख इनपुट युक्तियां जो निम्न है:—
की-बोर्ड (Key-Board)
यह इनपुट का महत्वपूर्ण उपकरण है जो टाइपराइटर के समान दिखाई देता है किसी भी टेक्स्ट या डाटा निर्देश इसी के द्वारा कंप्यूटर को दिए जाते हैं इस पर अक्षर, अंक और संकेत लिखे होते हैं जिन्हें कीज कहते हैं ।इसका प्रयोग कंप्यूटर में डाटा एवं निर्देश को कंप्यूटर की मेमोरी तक पहुंचाने में किया जाता है । यह कीबोर्ड में 104 की कीज होते हैं ।
कुछ विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड जैसे— QWERTY, DVORAK और AZERTY मुख्य रूप से प्रयोग किए जाते हैं।
लाभ (Advantages)
- चूंकि इसे मैन्युअल रूप से तैयार किया जा सकता है इसलिए इसे किसी कंप्यूटर पृष्ठभूमि या प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है।
- स्रोत दस्तावेज़ कंप्यूटर फ़ाइलों के लिए बैकअप के रूप में काम कर सकते हैं। यह कंप्यूटर फ़ाइल बनाने के लिए स्रोत दस्तावेज़ के उपयोग के कारण है, इसलिए स्रोत दस्तावेज़ का उपयोग फ़ाइल को गलती से क्षतिग्रस्त या नष्ट होने की स्थिति में फिर से बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
- स्रोत दस्तावेज़ प्रामाणिकता का प्रमाण प्रदान करने में मदद करता है।
- स्रोत दस्तावेज़ एक ऑडिट ट्रेल स्थापित करते हैं। ऑडिट ट्रेल घटनाओं के अनुक्रम को जोड़ने वाले तार्किक पथ के रूप में डेटा है, जिसका उपयोग रिकॉर्ड की सामग्री को प्रभावित करने वाले लेनदेन का पता लगाने के लिए किया जाता है।
नुकसान (Disadvantages)
- स्रोत दस्तावेज़ शायद ही कभी मशीन पठनीय होते हैं। इसलिए, स्रोत दस्तावेज़ डेटा को संसाधित करने के लिए, डेटा को बाइनरी रूप में स्थानांतरित किया जाना चाहिेए।
विशेषताएं (Featured)- इसके द्वारा डाटा को कंप्यूटर में सही तरीके से भेजा जा सकता है।
- इसमें विभिन्न प्रकार के डाटा को भेजा जा सकता हैं।
Types of keyboard कीबोर्ड के प्रकार—
- Normal Keyboard (साधारण की-बोर्ड)
- Wireless Keyboard (तार रहित की-बोर्ड)
- Ergonomic Keyboard (एर्गोनोमिक की-बोर्ड)
1) Normal Keyboard– इस सामान्य प्रकार के कीबोर्ड का उपयोग सबसे ज्यादा होता है। ये एक साधारण सा कीबोर्ड होते है इसमें टोटल 101 बटन होते है।
2) Wireless Keyboard– इस की-बोर्ड को किसी भी कंप्यूटर में कनेक्ट करने के लिए वायर की जरुरत नहीं पड़ती है। इसे कंप्यूटर या लैपटॉप में ब्लूटूथ तकनीक द्वारा जोड़ा जाता है। और इनमे बैट्री लगती हैं जो एक निश्चित समय तक चलती है। और इसके बाद इसे बदलना पड़ता है।
3) Ergonomic Keyboard– इस प्रकार के कीबोर्ड अधिकतर अंग्रेजी के अक्षर वी [V] के आकार के बनाये जाते है। इनका मुख्य उद्देश्य हाथों के तनाव को कम करना है। इसका डिजाइन थोड़ा टेढ़ा मेढा होता है इस कीबोर्ड के निचे की तरफ कुछ जगह ज्यादा होती है। इसमें साधारण की-बोर्ड के मुकाबले ज्यादा बटन होते है।
इन तीनों मुख्य की-बोर्ड के अतिरिक्त बाजार में उपयोग के आधार पर और भी कीबोर्ड उपलब्ध हैं जो निम्न है—
- Flexible Keyboard
- Projection Keyboard
- Gaming Keyboard
- Mechanical Keyboard
- Membrane Keyboard
- Multimedia Keyboard आदि।
Types of keyboard Keys की-बोर्ड कीज के प्रकार–
- Alphanumeric keys
- Numeric keys
- Function keys
- Special purpose keys
- Modifier keys
- Arrow keys
- Other Keys
(1) Alphanumeric keys– (A से Z एवं a से z) इन कुंजियों को अकेले दबाने पर अंग्रेजी वर्णमाला के छोटा (Small) अक्षर टाइप होता है तथा शिफ्ट (Shift) के साथ दबाने पर बड़ा (Capital) अक्षर टाइप होता है इसकी कुल संख्या 26 है।
(2) Numeric keys – वर्णमाला कुंजियों से ऊपर की कतार में संख्या कुंजियां होती है इन कुंजियों से 0 से 9 तक के अंक टाइप किए जाते हैं ।
(3) Function keys – यह कुंजीयां कीबोर्ड में सबसे ऊपर स्थित होता है यह F1 से F12 तक होता है इन कीज का प्रयोग अलग-अलग सॉफ्टवेयर में अलग-अलग कार्यों को संपादित करने के लिए किया जाता हैं।
(4) Special purpose keys – वे कुंजियां कुछ विशेष कार्यों को करने के लिए प्रयोग में ली जाती है।
- Start Key – इसके द्वारा हम कंप्यूटर के सभी प्रोग्रामों की लिस्ट देख सकते हैं।
- Enter Key – यह हमारे द्वारा तैयार किए गए किसी आदेश को कंप्यूटर में भेजने का कार्य करता हैं।
- Home Key – यह कर्सल को लाइन के आरंभ में ले जाता है।
- End Key – यह कर्सल को लाइन के अंत में ले जाता है।
- Page Up Key – यह कर्सल को एक पेज पहले ले जाने के लिए किया जाता है।
- Page Down Key – यह कर्सल को एक पेज आगे (बाद में) ले जाने के लिए किया जाता है।
- Backspace Key – यह स्क्रीन पर एक-एक अक्षर को मिटाने हुए कर्सल को बाई ओर ले जाता है।
- Space Bar Key – यह की-बोर्ड की सबसे लंबी कुंजी होती है इसका उपयोग एक खाली स्थान छोड़ने के लिए किया जाता है।
- Delete Key – यह कर्सल की ऊपर उपस्थित अक्षर को मिटाने का कार्य करता है।
- Tab key – यह कर्सल को 5-5 स्थान दाएं से बाएं ओर ले जाने का कार्य करता है।
- Esc Key – यह कंप्यूटर प्रोसेसिंग के दौरान रोकने का काम करता है।
(5) Modifier keys – इनमें तीन कुंजियां होती है जिनको अकेले दबाने से कोई कुछ नहीं होता पर किसी अन्य कुंजी के साथ प्रयोग करने पर उन कुंजियों के इनपुट बदल जाती है।
- Ctrl Key – इस कुंजी का उपयोग किसी विशिष्ट उद्देश्य को करने के लिए अन्य कुंडलियों के साथ संयुक्त रूप से किया जाता है। जैसे— Ctrl+A, Ctrl+C ।
- Alt Key – इस कुंजी का भी उपयोग कंट्रोल कुंजी की तरह कुछ शॉर्टकट आदेशों में किया जाता है।
- Shift Key – यह संख्या में दो होती है इसका उपयोग अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े अक्षर टाइप करने के लिए किया जाता है यदि किसी कुंजी पर दो चिन्ह छपे हैं तो शिफ्ट के साथ दबाने पर ऊपर का चिन्ह टाइप होता है
(6) Arrow keys – यह कर्सल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती है यह कर्सल को ⬆️ऊपर Up, ⬇️नीचे Down, ⬅️दाएं Left, ➡️बाएं Right ले जाती है।
(7) Other Keys – उपयोग करने वाले कुंजियां के अतिरिक्त कीबोर्ड में अन्य कुंजियां होती है जैसे— Pause/Break, Print Screen, Scroll Lock आदि। इसका विशेष उपयोग होता है।