प्रिंटर क्या है? इसके कितने प्रकार होते हैं इसके उपयोग व जानकारी हिंदी में
प्रिंटर (Printer)
प्रिंटर एक प्रकार का आउटपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग कंप्यूटर से डाटा और सूचनाओं को किसी कागज पर प्रिंट करने के लिए किया जाता है यह ब्लैक और वाइट के साथ-साथ कलर डॉक्यूमेंट को भी प्रिंट कर सकता है। प्रिंट किए गए कॉपी को हार्ड कॉपी कहा जाता है।
प्रिंटर की विशेषताएं (Features of Printer)
- एप्पल आईपैड (Apple iPad), आईफोन (iPhone) और आईपोड टच (iPod Touch) के द्वारा प्रिंट बहुत जल्दी से प्राप्त किए जा सकते हैं।
- वायरलैस प्रिंटर्स के द्वारा तारों के कनैक्शन के बिना प्रिंट आसानी से और कहीं भी प्राप्त किए जा सकते हैं।
प्रिंटर के प्रकार Types of Printer
तकनीकी के आधार पर प्रिंटर निम्न प्रकार के होते हैं–
- इंपैक्ट प्रिंटर (Impact Printer)
- नॉन इंपैक्ट प्रिंटर (Non-impact Printer)
(1) Impact Printer
यह प्रिंटर टाइपराइटर की तरह होता है यह एक बार में केवल एक अक्षर लाइन की छाप सकता है, इस प्रकार की प्रिंटर में धातु के छोटे छोटे हथोंरे कार्बन के रिबन पर चोट करते हैं रिबन के नीचे पेपर रखा जाता है जिस पर प्रिंट लेना होता है जब हथौड़े द्वारा चोट दी जाती है तो पेपर पर प्रिंट आ जाता है। इंपैक्ट प्रिंटर निम्न प्रकार के होते हैं—
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer)
- डेजी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel Printer)
- बैण्ड प्रिंटर (Band Printer)
- चैन प्रिंटर (Chain Printer)
- ड्रम प्रिंटर (Drum Printer
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर – इस प्रकार के प्रिंटर में पिनों की एक पंक्ति होती है, जो कागज के ऊपरी सिरे पर रिबन से प्रहार करती है। जब पिन रिबन से प्रहार करते हैं तो डॉट्स (Dots) का एक समूह एक मैट्रिक के रूप में कागज पर पड़ता है, जिससे अक्षर या चित्र छप जाते हैं। इस प्रकार के प्रिंटर को पिन प्रिंटर भी कहते हैं। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक बार में एक ही कैरेक्टर प्रिन्ट करता है। ये काफी धीमी गति से प्रिन्ट करते हैं तथा ज्यादा आवाज करते हैं, जिससे इन्हें कम्प्यूटर के साथ कम प्रयोग किया जाता है।
- डेजी व्हील प्रिंटर – डेजी व्हील प्रिंटर में कैरेक्टर की छपाई टाइपराइटर की तरह होती है। यह डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की अपेक्षा अधिक रिजोल्यूशन की प्रिंटिंग करता है। तथा इसका आउटपुट, डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की अपेक्षा ज्यादा विश्वसनीय होता है।
- बैंड प्रिंटर – यह प्रिंटर चेन प्रिंटर के समान होते हैं। इन प्रिंटरों में चेन के स्थान पर स्टील का पट्टा प्रयोग में लिया जाता है। इस पट्टे पर अक्षर उभरे रहते हैं एवं इसकी छपाई प्रक्रिया चेन प्रिंटर के समान ही होती है चेन या बैंड प्रिंटर में कैरेक्टर का मानक 48 कैरेक्टर सेट होता है। प्रिंटिंग गति बढ़ाने के लिए अक्षरों को बैंड या चेन पर दोहरा दिया जाता है। जिसे निश्चित स्थान तक चेन के अक्षरों को पहुंचने में समय ना लगे। इसलिए 64 set या 96 set वाले प्रिंटर में कुछ करैक्टर का सैट दोहरा कर दिया जाता है। यह भी लाइन प्रिंटर होते हैं।
- चैन प्रिंटर – इस प्रिंटर में तेज घूमने वाली एक चेन होती है, जिसे प्रिंट चेन कहते हैं। चेन में कैरेक्टर छपे होते है, प्रत्येक कड़ी में एक कैरेक्टर का फोंट (Font) होता हैं। प्रत्येक प्रिंट पोजीशन पर हैमर लगे होते हैं। जिससे हैमर कागज पर टकराकर एक बार में एक लाइन प्रिंट करता हैं।
- ड्रम प्रिंटर – ये एक प्रकार के लाइन प्रिंटर होते हैं, जिसमें एक बेलनाकार ड्रम लगातार घूमता रहता है। इस ड्रम में अक्षर उभरे हुए होते हैं। ड्रम और कागज के बीच में एक स्याही से लगा हुआ रिबन होता है। जिस स्थान पर अक्षर छापना होता है, उस स्थान पर हैमर कागज के साथ-साथ रिबन पर प्रहार करता है। रिबन पर प्रहार होने से रिबन ड्रम में लगे अक्षर पर दबाव डालता है, जिससे अक्षर कागज पर छप जाता है।
(2) Non-impact Printer
ये कागज पर प्रहार नहीं करते बल्कि किसी अक्षर, चिन्ह को प्रिंट करने के लिए स्याही की फुहारा कागज पर छोड़ते हैं।
या
इस प्रकार के प्रिंटर में हथौड़े जैसी किसी वस्तु द्वारा रिबन पर चोट नहीं दी जाती है और प्रिंट करते समय आवाज नहीं करते हैं। नॉन इंपैक्ट प्रिंटर निम्न प्रकार होते हैं—
- इंक जैट प्रिंटर (Ink Jet Printer)
- लेजर प्रिंटर (Laser Printer)
- थर्मल प्रिंटर (Page Printer) आदि।
- इंक जैट प्रिंटर – यह आवश्यक छवि बनाने के लिए कागज पर स्याही की बूंदों को प्रक्षेपित करने की तकनीक का उपयोग करता है। इंक-जेट प्रिंटर 64 छोटे नोजल के माध्यम से स्याही का छिड़काव करके सीधे कागज पर एक छवि बनाता है। यह लगभग 360 डॉट प्रति इंच का प्रिंट रिज़ॉल्यूशन प्रदान करता है।
- लेजर प्रिंटर – इस प्रिंटर के द्वारा उच्च गुणवत्ता के अक्षर और चित्र छापे जाते हैं यह विभिन्न प्रकार और स्टाइल के अक्षर को छाप सकता है इसकी छपाई की विधि फोटोकॉपी मशीन से मिलती-जुलती होती है। इसमें कंप्यूटर से भेजा गया डाटा लेजर किरणों की सहायता से इसके ड्रम पर चार्ज उत्पन्न कर देता है। इसमें एक टोनर होता है जो चार्ज के कारण ड्रम पर चिपक जाता है जब यह ड्रम घूमता है और इसके नीचे से कागज निकलता है, तो टोनर कागज पर अक्षरों या चित्रों का निर्माण करता है। यह प्रिंटर अपनी क्षमता के अनुसार 1 इंच से 300 से 1200 बिंदुओं की सघनता (Density) द्वारा छपाई कर सकते हैं। यह 1 मिनट में 5 से 24 पेज तक छाप सकता हैं।
- थर्मल प्रिंटर – यह पेपर पर अक्षर छापने के लिए उष्मा का प्रयोग करता है। उष्मा के द्वारा स्याही को पिघला कर कागज पर छोड़ते हैं, जिससे अक्षर या चित्र छपते हैं। फैक्स मशीन भी एक प्रकार का थर्मल प्रिंटर है या अन्य प्रिंटर की अपेक्षा धीमा और महंगा होता है। तथा इसमें प्रयोग करने के लिए एक विशेष प्रकार के पेपर की जरूरत पड़ती है जो कि केमिकली ट्रीटिड पेपर होता है।
- वे तेज और शांत हैं
- उनके पास टाइपफेस (Typefaces) को स्वचालित रूप से बदलने की क्षमता और उच्च गुणवत्ता वाले ग्राफिक्स बनाने की उनकी क्षमता है।
गति के आधार पर तीन प्रकार के होते हैं—
(1) करैक्टर प्रिंटर (Character Printer)
इस प्रकार के प्रिंटर एक समय में एक कैरेक्टर प्रिंट करते हैं। इसकी गति सी.पी.एस. (Character Per Second) से मापी जाती है।
इस प्रकार के प्रिंटर निम्न है—
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer)
- डेजी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel Printer)
- इंकजेट प्रिंटर (Ink Jet Printer)
(2) लाइन प्रिंटर (Line Printer)
इस प्रकार के प्रिंटर एक समय में एक पूरी लाइन छपते हैं और तीव्र गति से कार्य करते हैं इसमें अधिकतम इम्पैक्ट तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसकी गति एल.पी.एम. (Line Per Minute) होती है यह एक मिनट में 300 से 2500 लाइनों को प्रिंट कर सकते हैं एक लाइन में 132 से 136 शब्दों को प्रिंट कर सकते हैं।
इनके उदाहरण निम्न है—
- बैंड प्रिंटर (Band Printer)
- चैन प्रिंटर (Chain Printer)
- ड्रम प्रिंटर (Drum Printer)
- बैंड प्रिंटर – यह प्रिंटर चेन प्रिंटर के समान होते हैं। इन प्रिंटरों में चेन के स्थान पर स्टील का पट्टा प्रयोग में लिया जाता है। इस पट्टे पर अक्षर उभरे रहते हैं एवं इसकी छपाई प्रक्रिया चेन प्रिंटर के समान ही होती है चेन या बैंड प्रिंटर में कैरेक्टर का मानक 48 कैरेक्टर सेट होता है। प्रिंटिंग गति बढ़ाने के लिए अक्षरों को बैंड या चेन पर दोहरा दिया जाता है। जिसे निश्चित स्थान तक चेन के अक्षरों को पहुंचने में समय ना लगे। इसलिए 64 set या 96 set वाले प्रिंटर में कुछ करैक्टर का सैट दोहरा कर दिया जाता है। यह भी लाइन प्रिंटर होते हैं।
- चैन प्रिंटर – इस प्रिंटर में तेज घूमने वाली एक चेन होती है, जिसे प्रिंट चेन कहते हैं। चेन में कैरेक्टर छपे होते है, प्रत्येक कड़ी में एक कैरेक्टर का फोंट (Font) होता हैं। प्रत्येक प्रिंट पोजीशन पर हैमर लगे होते हैं। जिससे हैमर कागज पर टकराकर एक बार में एक लाइन प्रिंट करता है।
- ड्रम प्रिंटर – ये एक प्रकार के लाइन प्रिंटर होते हैं, जिसमें एक बेलनाकार ड्रम लगातार घूमता रहता है। इस ड्रम में अक्षर उभरे हुए होते हैं। ड्रम और कागज के बीच में एक स्याही से लगा हुआ रिबन होता है। जिस स्थान पर अक्षर छापना होता है, उस स्थान पर हैमर कागज के साथ-साथ रिबन पर प्रहार करता है। रिबन पर प्रहार होने से रिबन ड्रम में लगे अक्षर पर दबाव डालता है, जिससे अक्षर कागज पर छप जाता है।
(3) पेज प्रिंटर (Page Printer)
इस प्रकार के प्रिंटर तीव्र गति वाले नॉन इंपैक्ट प्रिंटर होते हैं जो एक मिनट में 20,000 लाइनें प्रिंट कर सकते हैं।इसका उदाहरण इलेक्ट्रॉनिक जेरोक्स मशीन है इसमें इलेक्ट्रोक्रोमिक तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार की प्रिंटर महंगे होते हैं एवं इसकी प्रिंटिंग उच्चकोटि की होती हैं। जैसे— लेजर प्रिंटर आदि।
Tech with pintu
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