डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर क्या है? और इसके फायदे और नुकसान क्या है आइए जानें पूरी जानकारी हिंदी में
इस प्रकार के प्रिंटर में पिनों की एक पंक्ति होती है, जो कागज के ऊपरी सिरे पर रिबन से प्रहार करती है। जब पिन रिबन से प्रहार करते हैं तो डॉट्स (Dots) का एक समूह एक मैट्रिक के रूप में कागज पर पड़ता है, जिससे अक्षर या चित्र छप जाते हैं। इस प्रकार के प्रिंटर को पिन प्रिंटर भी कहते हैं। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक बार में एक ही कैरेक्टर प्रिन्ट करता है। ये काफी धीमी गति से प्रिन्ट करते हैं तथा ज्यादा आवाज करते हैं, जिससे इन्हें कम्प्यूटर के साथ कम प्रयोग किया जाता है।
कमियां (Drawbacks)
- लाइन प्रिंटर की तुलना में उनकी गति सीमा धीमी है।
- उनके प्रिंट लक्ष्य डेज़ी व्हील प्रिंटर की तुलना में दूसरे दर्जे के हैं।
- ये प्रिंटर ग्राफिक वस्तुओं को पर्याप्त रूप से प्रिंट नहीं कर सकते हैं लेकिन ये लेखांकन, कार्मियों और पेरोल जैसे अनुप्रयोगों को बहुत अच्छी तरह से संभाल सकते हैं।
लाभ (Advantages)
- यह प्रिन्टर अधिक मंहगें नहीं होते है।
- इनकी प्रति पृष्ठ (Page) छपाई सस्ती पडती है ।
- इनका रख रखाव आसान है ।
- एक साथ कई प्रतियां प्रिन्ट कर सकती है।
- इनका कोई निश्चित फोन्ट (Font) नहीं होता, इसलिए यह किसी भी प्रकार के अक्षर छाप सकते हैं।
- इनके द्वारा चार्ट एवं ग्राफ भी प्रिन्ट किए जा सकते हैं।
हानियां (Disadvantages)
- इसके द्वारा तस्वीरें (Picture/Photo) नहीं छापी जा सकती है।
- इसकी प्रिंटिंग विशेष अच्छी नहीं होती हैं।
- इसकी प्रिंटिंग की गति धीमी होती है।
- प्रिंटिंग के समय आवाज करते हैं।
- एक ही रंग की प्रिंटिंग करते हैं।
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