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Sunday, May 30, 2021

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 कम्प्यूटर की पीढ़ीयां (Computer Generations)

आधुनिक कंप्यूटरों के इतिहास को तकनीकी विकास के अनुसार कई भागों में बांटा जाता है, जिन्हें कंप्यूटर की पीढ़ीयां (Computer Generations) कहा जाता है

कंप्यूटर के विकास के क्रम को निम्न पांच  पीढ़ीयो में विभक्त किया गया है—

1. प्रथम पीढ़ी (First Generation 1940-1956)

इस पीढ़ी में वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) टैक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है। 

इसमें गति 333 माइक्रो सेकेण्ड था । 

इसका स्टोरेज डिवाइस मैग्नेटिक ड्रम था । 

इसमें बैच ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग हुआ था । 

प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर मशीनी भाषा पर कार्य करते थे, ( बाइनरी नंबर 0's और 1's) 

सन् 1952 में डॉ. ग्रेस हॉपर द्वारा मशीनी भाषा का आविष्कार किया गया जिसके कारण कम्प्यूटर प्रोग्राम लिखना आसान हो गया। 

मेमोरी के रूप में पंचकार्ड का उपयोग किया गया। 

इस पीढ़ी के कंप्यूटर ENIAC, UNIVAC, मार्क-1 (IBM) आदि।

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प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरों की विशेषताएँ -

  • सीमित मुख्य स्टोरेज क्षमता
  • मंद गति से इनपुट आउटपुट

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर कमियां (Limitations of First Generation Computer)

  1. इसका आकार बड़ा था ।
  2. मुख्य पूजा वैक्यूम ट्यूब था ।
  3. अधिक बिजली की आवश्यकता पढ़ती थी 
  4. एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना कठिन कार्य था ।
  5. रख-रखाव वह मरम्मत में परेशानी होती थी
  6. प्रोग्रामिंग क्षमता सीमित था ।

उपयोग –  

  • मुख्यता वैज्ञानिक और सामान्य व्यापार सिस्टम; जैसे– ENIAC, UNIVAC, MARK-1 आदि ।


2. द्वितीय पीढ़ी (Second Generation 1959-1964)

वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर छोटे ट्रांजिस्टर (Transistor) का प्रयोग होने लगा ।

इस कंप्यूटरों में मशीन असेंबली भाषा का प्रयोग काफी अधिक हुआ ।

 इसमें उच्च स्तर की भाषा COBOL का प्रयोग किया गया ।

इसमें गति 10 माइक्रो सेकण्ड था ।

स्टोरेज डिवाइस के रूप में मैग्नेटिक कोर, टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था ।

इसमें मल्टी टास्किंग टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग हुआ था ।

इस पीढी के कम्प्यूटरों की प्रोसेसिंग की गति प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर की तुलना में काफी अधिक थी ।

इस पीढी में निर्मित कम्प्यूटरों में मुख्यत UNIVAC , IBM 700 तथा ATLAS आदि थे ।

मेमोरी में पंचकार्ड के स्थान पर चुंबकीय डिस्क का प्रयोग किया गया जैसे- IBM-1620, UNIVAC-1108 |

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दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरों की विशेषताएँ -

  • ट्रांज़िस्टर का उपयोग आरंभ ।
  • आकार और ताप में कमी ।
  •  तीव्र और विश्वसनीय ।

लाभ (Advantages)

  • पहली पीढ़ी की तुलना में आकार में छोटे थे ।
  • ज्यादा विश्वसनीय थी
  • कम उष्मा की खपत करते थे ।
  • एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जा सकता था ।
  • उच्च स्तरीय भाषा में जैसे- BASIC, FORTRAN, ALGOL आदि का प्रयोग में ली गई । 

हानि (Disadvantages) –

  • व्यवसायिक उत्पादन कठिन एवं महंगा था ।
  • बार-बार मरम्मत की आवश्यकता होती थी ।
  • वातानुकूलन की आवश्यकता होती थी ।

उपयोग (Utilisation) –

  • व्यापक व्यवसायिक प्रयोग
  • इंजीनियरिंग डिजाइन
  • इन्वेंटरी फाइल का अपडेशन


3. तृतीय तिथि (Third Generations 1964-1971)

 इस पीढ़ी में ट्रांजिस्टर के स्थान पर (इंटीग्रेटेड सर्किट (IC)) Integrated Circuit  का प्रयोग किया गया, जो ट्रांजिस्टर से अधिक शक्तिशाली था।

इसमें स्टोरेज डिवाइस में मैग्नेटिक कोर का प्रयोग किया गया 

इसमें गति 100 नैनो सेकंड था ।

इसमें फोरट्रान, कोबोल (COBOL) भाषा आदि का प्रयोग किया गया ।

इसमें रियल टाइम/टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग हुआ था ।

IC का आकार ट्रांजिस्टरों के सर्किट ( Circuit ) के आकार से छोटा होने के कारण इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों का आकार भी काफी छोटा था । 

इन कम्प्यूटरों में विद्युत सर्किट्स का आकार छोटा होने के कारण इनके प्रोसेसिंग की गति अधिक थी । 

तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों में कार्य करने के लिए उच्च स्तरीय भाषा (High level language) का प्रयोग किया गया प्रथम उच्च स्तरीय भाषा का नाम फोरट्रान (FORTRAN) था ।

इस पीढी के कम्प्यूटरों के संचालन के लिए सिर्फ एक ही व्यक्ति की आवश्यकता होती थी । 

इस पीढ़ी में निर्मित कम्प्यूटरों में मुख्यत : थे - PDP श्रृंखला के कम्प्यूटर तथा CDC - 1700 आदि ।

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तीसरी पीढी के कम्प्यूटरों की विशेषताएँ :-

  • चुंबकीय कोर और सॉलिड स्टेट का मुख्य स्टोरेज के रूप में उपयोग
  • रिमोट प्रोसेसिंग
  • इनपुट-आउटपुट को नियंत्रित करने के लिए सॉफ्टवेयर उपलब्ध 

लाभ (Advantages)

  • प्रथम व द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में आकार में छोटे थे ।
  • द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर  से अधिक विश्वसनीय थे ।
  • द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर से कम उष्मा की खपत करते थे ।
  • एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान हुआ । 
  • गणना का समय माइक्रो सेकंड से नैनो सेकंड हो गया ।
  • व्यावसायिक उत्पादन आसान एवं सस्ता हुआ ।

हानि (Disadvantages) –

  • कई स्थितियों में एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता रहता है

उपयोग (Utilisation) – 

  • डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम, ऑनलाइन सिस्टम, रिजर्वेशन सिस्टम आदि जैसे- IBAM System/360, NCR395, B6500 आदि

4. चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generations 1971-1980)

इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में बड़े पैमाने पर इंटीग्रेटेड सर्किट/ माइक्रोप्रोसेर्स (Microprocessor) का प्रयोग होने लगा ।

माइक्रो प्रोसेसर का विकास ई. हाफ ने किया जिससे पर्सनल कम्प्यूटर विकास हुआ।

इसमें गति 10 पीको सेकंड था ।

स्टोरेज डिवाइस में चुम्बकीय डिस्क के साथ-साथ सेमीकंडक्टर-क्टर मेमोरी का प्रयोग हुआ।

इसमें टाइम शेयरिंग नेटवर्क्स ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग हुआ था ।

इसमें फोरट्रान 77, पास्कल, ADA, कोबोल-74 भाषा का प्रयोग किया गया ।

इस पीढी के कम्यूटरों की प्रोसेसिंग की गति पिछली तीनों पीढ़ियों से काफी तेज थी ।

जिससे C भाषा का विकास हुआ।

इंटरनेट का विकास तेजी से हुआ।

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चौथी पीढी के कम्प्यूटरों की विशेषताएँ-

  • उनी कंप्यूटर के उपयोग में वृद्धि ।
  • विभिन्न-विभिन्न हार्डवेयर निर्माता के यंत्रों के बीच एक अनुकूलता ताकि उपभोक्ता किसी एक विक्रेता से बंधा ना रहे ।

लाभ (Advantages)

  • यह कंप्यूटर आकार में बहुत छोटे होते हैं ‌‌।
  • इसमें बिजली की खपत बहुत कम होती है ।
  • यह सामान्य ताप पर भी कार्य कर सकते हैं ।
  • कम उष्मा की खपत करते हैं ।
  • मूल्य कम होने के कारण छोटे दुकानदार भी इन्हें खरीद सकते हैं ।
  • इन पर कार्य करना सरल एवं कम खर्चीला होता है ।
  • संग्रहण पुर्जा (Storage Devices)  के रूप में सेमीकंडक्टर मेमोरी, हार्ड डिस्क, 10MB क्षमता की मुख्य मेमोरी का प्रयोग किया गया ।

हानि (Disadvantages) –

VLSI चिप बनाने के लिए अधिकतर परिष्कृत अत्यधिक परिष्कृत तकनीक की आवश्यकता होती है

उपयोग (Utilisation) –

  • इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, व्यवसायिक उत्पादन और व्यक्तिगत उपयोग; जैसे– IBM, PC-XT एप्पल ll, इण्टेल 400 चिप ।

5. पंचम पीढ़ी (Fifth Generations 1980)

इस पीढ़ी में Artificial intelligence (कृत्रिम बुद्धि) का प्रयोग किया गया या इसपीढ़ी के (वर्तमान) कंप्यूटरों में बड़े पैमाने में इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग होने लगा 

स्टोरेज डिवाइस में ऑप्टिकल डिस्क का प्रयोग किया गया ।

इसका ऑपरेटिंग सिस्टम नॉलेज इन्फॉरमेशन प्रोसेसिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया ।

पोर्टेबल PC व टैबलेट का सर्वाधिक विकास हुआ ।

इन कम्प्युटरों में VLSIC व ULSIC तकनीक का प्रयोग किया गया है ।

इन कम्प्यूटरों में कत्रिम दिमाग ( Artificial Intelligence : AI ) उपस्थित है , जिसके कारण इनमें निर्णय लेने की क्षमता है ।

इस पीढी के कम्प्यूटरों में मुख्य रूप से भारत में ही निर्मित कम्प्यूटर परम (PARAM) शामिल है ।

इनकी प्रोसेसिंग की गति काफी अधिक है । ये कम्प्यूटर अरबों गणनाएँ एक सेकण्ड में करते हैं । इनकी गति पिकों सेकण्ड (10-12 Sec) में मापी जाती है ।

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर दो या तीन वस्तुओं में तुलना करने तथा उपर्युक्त वस्तु का चुनाव करने में सक्षम हैं ।

इस पीढ़ी में ULST (Ultra Large Scale Integration) का प्रयोग होने लगा।


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पाँचवी पीढी के कम्प्यूटरों की विशेषताएँ :-

  • इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट नैचुरल लैंग्वेज, प्रोसेसिंग स्पीच कैरेक्टर, इमेज रिकॉग्निशन
उपयोग (Utilisation) –
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AL) जैसे- रोबोटिक्स ।

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पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों में निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं -

  1. कंप्यूटरों के विभिन्न आकार (Different Size of Computer)
  2. इंटरनेट (Internet) 
  3. मल्टीमीडिया (Multimedia)
  4. नए अनुप्रयोग (New Applications)

पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर की मुख्य विशिष्टताएं (Main Characteristics of Fifth Generation of Computer)

1. मुख्य स्विचिंग पूजा (Main/Switching Device)- VLST (Very Large Scale Integration) आदि 

2. संग्रहण पुर्जा (Storage Device)- 128MB क्षमता की मुख्य मेमोरी, कैश मेमोरी, बबल मेमोरी व ऑप्टिकल मेमोरी आदि ।

3. सॉफ्टवेयर— Windows 95/98/XP, Visual Basic, Visual C++,  Java आदि ।

 4. प्रोग्राम क्षेत्र– समांतर प्रोग्रामिंग, न्यूरल नेटवर्क, मौसम भविष्यवाणी, सेना में, CAD आदि में ।

Friday, May 28, 2021

सीपीयू के कितने भाग होते हैं? | Cpu ke kitne bhag hote hai in hindi

सीपीयू क्या है? सीपीयू के कितने भाग होते हैं? सीपीयू के फुल फॉर्म पूरी जानकारी आई जाने हिंदी मे


Block Diagram of a Computystem System | कंप्यूटर के अवयव और ब्लॉक डायग्राम –

  1. C.P.U. :- Central Processing Unit इसके भाग निम्न हैं– 
  2. A.L.U. – Arithmetic Logic Unit (अंकगणितीय तर्क इकाई)
  3. Memory – Memory Unit (स्मृति इकाई)
  4. C.U. – Control Unit (नियंत्रण यूनिट)

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सी.पी.यू. क्या हैं इसका कार्य क्या होते है और इसका फुल फॉर्म –

CPU का पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) हैं इसका हिंदी नाम केंद्रीय संसाधन इकाई है।

CPU कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है जिसे Processor या Microprocessor भी कहा जाता है और इसे कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है इसका मुख्य कार्य प्रोग्रामों को क्रियान्वित करना होता है इसके अलावा सी.पी.यू.कंप्यूटर के सभी भागों जैसे - Input Device, Output Device के कार्यों को भी नियंत्रित करता हैं।



C.P.U के भाग होते हैं –

A.L.U. (अरिथमैटिक लॉजिक यूनिट) – यह यूनिट डाटा पर अंकगणितीय क्रियाएं (जोड़ना घटाना गुणा भाग) और तार्किक क्रियाएं करती है ए. एल. यू. कंट्रोल यूनिट से डाटा लेती है यह मेमोरी से डाटा प्राप्त करती है तथा प्रोसेसिंग के पश्चात सूचनाओं को मेमोरी में लौटा देती है।

या

A.L.U., C.P.U. का ऐसा भाग होता है जो प्राथमिक मेमोरी (Main memory) से सूचना प्राप्त कर उसकी अंकगणितीय एवं तार्किक क्रिया कर प्ररिणाम पुनः मुख्य मेमोरी को देता है। तार्किक क्रियाओं से तात्पर्य उन क्रियाओं से है। जिनमें ऐसे तर्कों का समाधान किया गया हो जिनका उत्तर हां या नहीं में हो।

Memory – कंप्यूटर का वह स्थान जहां सभी सूचनाओं आंकड़ों के निर्देशों को स्टोर करके रखा जाता है मेमोरी कहलाती है।

या

यह सीपीयू का वह भाग है जिसमें सभी डाटा अथवा प्रोग्राम गणना के पहले एवं बाद में संग्रहित किए जाते हैं। गणनाओं से पूर्व सभी डाटा एवं निर्देश, गणना के लिए आवश्यक निर्देश तथा मध्यवर्ती प्रणाम, आउटपुट उपकरण में भेजे जाने से पूर्व इस में संग्रहित रहते हैं।

C.U. – कंट्रोल यूनिट हार्डवेयर की क्रियाओं को नियंत्रित और संचालित करता है यह इनपुट आउटपुट क्रियाओं को भी नियंत्रित करता है साथ ही मेमोरी और ए.एल.यू. के मध्य डाटा आदान-प्रदान क्रिया को निर्देशित करता है यह प्रोग्राम को क्रियान्वित करने के लिए निर्देशों को मेमोरी से प्राप्त करता है निर्देशों को विद्युत संकेतों (Electric signal) से परिवर्तित करके यह उच्च डिवाइसों तक पहुंचाता है।

या

यह कंट्रोल कंप्यूटर के प्रत्येक भाग में नियंत्रण संकेतों को प्रसारित करती है। यह कंट्रोल कंप्यूटर के समस्त भागों पर नियंत्रण रखती है। यह इनपुट किए गए डाटा के प्रवाह (Flow) को मेमोरी से संग्रहण माध्यम और आउटपुट यूनिट तक नियंत्रित भी करती है।

CPU के कार्य 

CPU के प्रमुख कार्य निम्न है –

  • निर्देशक तथा डेटा को मुख्य मैमोरी से रजिस्टर्स में स्थानांतरित करना।
  • निर्देशों का क्रमिक रूप से क्रियान्वयन (Execution) करना।
  • आवश्यकता पड़ने पर आउटपुट डेटा को रजिस्टर्स से मुख्य मेमोरी में स्थानांतरित करना।

Thursday, May 27, 2021

कम्प्यूटर की विशेषता क्या है? | Features of Computer in hindi

कम्प्यूटर की विशेषताएं क्या है? आइए जानें पूरी जानकारी हिन्दी में


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Features of Computer in hindi

1) गाति (Speed) 

कंप्यूटर किसी भी कार्य को बहुत तेजी से कर सकता है कंप्यूटर कुछ सेकंड में गुणा, भाग, जोड़ना, घटाना आदि लाखों क्रियाएं कर सकता है।

2) स्वचालन (Automation)

कंप्यूटर अपना कार्य स्वचालित रूप से करता है कंप्यूटर अपना कार्य प्रोग्राम के एक बार लोड हो जाने पर स्वत: ही कार्य करता रहता है।

3) शुद्धता (Accuracy)

कंप्यूटर अपना सारा कार्य बिना किसी गलती के करता है कंप्यूटर द्वारा गलती किए जाने पर सबसे बड़ा कारण होता है गलत डाटा इनपुट करना क्योंकि कंप्यूटर स्वयं कोई गलती नहीं कर सकता है।

4) सार्वभौमिकता(Universality)  

कंप्यूटर गणितीय कार्य को करने के साथ-साथ व्यवसायिक कार्यो के लिए भी कंप्यूटर को प्रयोग में लाया जाने लगा है कंप्यूटर का उपयोग हर क्षेत्र में होने लगा है, जैसे- बैंकों में, रेलवे में, हॉस्पिटलों में, ऑफिसो में आदि।

5) उच्च संग्रहण क्षमता (High Storage Cappcity)

कंप्यूटर सिस्टम में डाटा स्टोर करने की क्षमता बहुत अधिक होती है कंप्यूटर लाखों शब्दों को बहुत ही कम जगह में स्टोर करके रखता है यहां सभी प्रकार के डेटा, पिक्चर, फाइल, फोल्डर, प्रोग्राम, गेम, साउंड, म्यूजिक को स्टोर करके रखता है तथा बाद में हम किसी भी सूचना को प्राप्त कर सकते हैं तथा हम उसे अपने उपयोग में भी ला सकते हैं।

6) कर्मठता (Diligence)

कम्प्यूटर किसी भी कार्य को निरंतर कई घंटों, दिनों, महीनों तक कार्य को करने की क्षमता रखता है, इसके बावजूद उसके कार्य करने की क्षमता में ना ही कोई कमी आती है और ना ही कार्य की परिणाम की शुद्धता घटती है कंप्यूटर किसी भी दिए गए कार्य को बिना किसी भेदभाव के करता है चाहे वह सही का हो या फिर ना हो।

7) विश्वनीयता (Reliability)

कंप्यूटर की मेमोरी अधिक शक्तिशाली होती है कंप्यूटर से जुड़ी संपूर्ण क्रियाएं विश्वसनीय होती है यह वर्षों तक कार्य करते हुए थकता नहीं है तथा स्टोर मेमोरी वर्षों बाद भी एक्टिव रहता है।

8) याद रखने की क्षमता / स्मरण क्षमता (Power of Remembrance)

कंप्यूटर सभी बातें चाहे वह महत्वपूर्ण हो या ना हो सभी को मेमोरी के अंदर स्टोर करके रखता है तथा बाद में किसी भी सूचना को आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध भी कराता है।

9) स्फूर्ति (Agility)

कम्प्यूटर एक बुद्धिहीन मशीन होने के कारण मानवीय दोषों से रहित है। कंप्यूटर को किसी भी कार्य को करने में किसी भी प्रकार का कोई थकान तथा आलसी पन महसूस नहीं होता है क्योंकि वह निर्जीव मशीन है और हर बार समान क्षमता से कार्य करता है।

10) कार्य की एकरूपता (Uniformity of work)

कम्प्यूटर में यूजर द्वारा किसी कार्य को बार-बार तथा लगातार एक ही काम को करने के बावजूद कम्प्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं डाल सकता है।

11) बहु कार्यण (Multitasking)

यह कम्प्यूटर का एक बहुत ही बड़ी महत्वपूर्ण विशेषता है जिसकी सहायता से हम कम्प्यूटर में एक ही समय कई कार्य को आसानी से कर सकते है कम्प्यूटर की इस प्रक्रिया को Multitasking कहा जाता है।

12) गोपनीयता (Secrecy)

कंप्यूटर में हम किसी भी कार्य को करने के बाद उसे गोपनीय रखने के लिए पासवर्ड का प्रयोग कर हम अपने कम्प्यूटर को दूसरे व्यक्ति से सेफ रख सकते हैं, और हमारे द्वारा कम्प्यूटर में बनाकर रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या उसमें किसी भी प्रकार का बदलाव तथा छेड़ - छाड़ कर सकता है।

13) पुनरावृति (Repetition)

कम्प्यूटर को यदि एक बार किसी कार्य को करने के लिए आदेश दे दिया जाए तो वह निरंतर लगातार वह उस कार्य को बार बार विश्वसनीयता और तीव्रता से वह उस कार्य को करता रहता है।

Wednesday, May 26, 2021

कम्प्यूटर की सीमाएं क्या है? | Limitations of Computer in Hindi

 

कम्प्यूटर की सीमाएं क्या है आइए जानें हिन्दी में

 Limitations of Computer in Hindi :-

1) बुद्धिमता की कमी (Lock of Intelligence) – इसका कार्य यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना होता है कंप्यूटर किसी भी स्थिति में ना तो निर्देशों से ज्यादा और ना ही उससे कम कार्य करता है इसका अर्थ यह है कि कंप्यूटर के अंदर सामान्य बोध नहीं होता है।


2) निर्णय लेने की कमी (Lock of Dicision Making) – कंप्यूटर में निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती हैं, क्योंकि कंप्यूटर बुद्धिमान मशीन नहीं है और ना ही यह सही और गलत का पहचान कर सकता है।


3) स्वयं की रक्षा करने में अक्षम (Unable to Self Protection) – कंप्यूटर चाहे जितना शक्तिशाली क्यों ना हो परंतु उसका नियंत्रण मानव के पास ही होता है कंप्यूटर किसी भी प्रकार से अपना आत्म रक्षा नहीं कर सकता है।


4) सामान्य बोध की कमी (Lock of Commen Scene) – कंप्यूटर अपने से कभी कोई गलती नहीं करता है यूजर द्वारा जो निर्देश दिया जाता है वह उसी का पालन करता है चाहे वह सही हो या ना हो और कंप्यूटर को किसी नाम से फर्क करना नहीं आता क्योंकि कंप्यूटर बुद्धिमान मशीन नहीं है।

5) विद्युत पर निर्भर (Dependen on Electricity) – कम्प्यूटर को किसी भी तरह का कार्य करने के लिये विद्युत की आवश्‍यकता पढ़ती है क्योंकि वह बिना विद्युत के कोई भी कार्य नहीं कर सकता है।


6) वायरस से खतरा (Virus threat) – कंप्यूटर कितनी भी अपग्रेड क्यों ना हो जाए लेकिन उस पर हमेशा वायरस का खतरा बना रहता है कंप्‍यूटर के ऑपरेटिंग सिस्‍टम में एक बार वायरस आ जाने के बाद वह कम्प्यूटर के साथ-साथ कम्प्यूटर के सभी सुरक्षित फाइलों और डेटा को भी नुकसान पहॅुचा सकती हैं।


7) अपग्रेड और अपडेट (Upgrade and Update) – कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो समय-समय पर अपग्रेड और अपडेट करना होता है ऐसा नहीं किया गया तो कंप्यूटर ठीक प्रकार से कारण नहीं कर पाएगा और वह धीरे-धीरे खराब होता चला जाएगा।

Tuesday, May 25, 2021

MS-EXCEL View Tab in Hindi | एमएस एक्सेल में व्यू टैब क्या है?


एम.एस एक्सेल में व्यू टैब की उपयोग और जानकारी आइए जाने हिंदी मेंं


MS-Excel View Tab :- 

हम Excel की View Tab को Keyboard से Alt+R दबाकर और Mouse से View Tab पर Double Click कर Active कर सकते है। MS Excel कि View Tab को Keyboard और Mouse दोनों के द्वारा इस्तेमाल कर सकते हैं।

यह टाइप डॉक्यूमेंट की दिखावट से संबंधित आइटम्स के लिए होता है; जैसे – Document View, Show/Hide, Zoom, Windows, Macro|



1. Document View Group – यदि यूजर अपने द्वारा बनाए गए डॉक्यूमेंट को अलग-अलग तरीकों से देखने के लिए इस ऑप्शन का उपयोग करता है।

डॉक्यूमेंट के कुल 5 व्यू (View) होते हैं Window 2007 में 

Normal 

Print Layout

Page Break Preview

Custom View

Full Screen 


2. Show/Hide Group –

Ruler इस ऑप्शन पर चिन्ह करने से रूलरबार Show, चिन्ह हटाने से Hide हो जाता है।

Formula Bar इस ऑप्शन की सहायता से हम फार्मूला बार को हम Show/Hide कर सकते हैं।

Grid–Linesइस ऑप्शन की सहायता से हम ग्रिड लाइन्स को हम Show/Hide कर सकते हैं।

Headingsइस ऑप्शन की सहायता से हम हेडिंग्स को हम Show/Hide कर सकते हैं।


3. Zoom Group :– इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने डॉक्यूमेंट को बड़े रूप में या छोटे रूप में संतुलित करके देख सकते हैं।

100%इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने डॉक्यूमेंट की ज़ूमिंग साइज 100% पर सेट कर सकते हैं।

Zoom to Selectionइस ऑप्शन की सहायता से हम आपने वर्कशीट के किसी भी स्थान को सिलेक्ट कर उसको ज़ूम कर देखने के लिए प्रयोग करते हैं।


4. Window Group :–

New Window इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने डॉक्यूमेंट फाइल से विंडो की डुप्लीकेट विंडो बना सकते हैं।

Arrange Allइस ऑप्शन की सहायता से हम सभी डॉक्यूमेंट विंडो को एक साथ स्क्रीन पर दिखा सकते हैं।

Freeze Panes इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट के कॉलम और रो के विशेष डाटा या विशेष टॉपिक को फ्रीज़ कर सकते है जिसके बाद शीट को स्क्रॉल करने के बाद भी उसे को देखा जा सकता हैं।

Hideइस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्तमान वर्कशीट को छीपा सकते है।

Splitइस ऑप्शन्स की सहायता से हम अपने डॉक्यूमेंट विंडो को दो भागों में बाँट सकते हैं।

View Side by Side इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने डॉक्यूमेंट विंडोज को स्क्रीन पर Side by Side एक साथ देख सकते है।

Switch Windowइस ऑप्शन की सहायता से हम अपने एक डॉक्यूमेंट विंडो से दूसरी डॉक्यूमेंट विंडो में आसानी से जा सकते है।


5. Macros Group :–

Macroयह एम.एस एक्सेल की बहुत ही बड़ी सुविधा है इसके द्वारा हम बार-बार रिपीट होने वाली कार्यों से बचने के लिए मैक्रो (Macro) बनाकर उन कार्यों से बचते हैं।


Monday, May 24, 2021

MS-EXCEL Review Tab in Hindi | एमएस एक्सेल में रिव्यू टैब क्या हैं ?

एम.एस एक्सेल में रिव्यू टैब की उपयोग और जानकारी आइए जाने हिंदी मेंं

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MS-EXCEL Review Tab


MS-EXCEL Review Tab :- 

हम Excel की Review Tab को Keyboard से Alt+R दबाकर और Mouse से Review Tab पर Double Click कर Active कर सकते है। MS Excel कि Review Tab को Keyboard और Mouse दोनों के द्वारा इस्तेमाल कर सकते हैं। 

         यह टाइप डॉक्यूमेंट की दिखावट से संबंधित आइटम्स के लिए होता है; जैसे— Proofing, Comments, Changes|

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MS-EXCEL Review Tab


1. Proofing Group :- 


Spelling (F7) – एम.एस. एक्सेल की महत्वपूर्ण विशेषता में से एक स्पेलिंग चेकिंग की सुविधा है जिसके अंतर्गत हम अपने वर्कशीट की स्पेलिंग की गलतियों को सुधार सकते हैं। 

Research (Alt+Click) – इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में इंटरनेट से किसी भी शब्द के बारे में जानने के लिए करते हैं। 

Thesaurus (Shift+F7) – यदि हमें डॉक्यूमेंट तैयार करते समय किसी शब्दों के समानार्थी शब्द यह विलोम शब्द जाना चाहते है। तब हम इस ऑप्शन का प्रयोग करते हैं। 

Translate – इस ऑप्शन की सहायता से हम इंग्लिश भाषा को किसी भी दूसरी भाषा में बदल सकते है या उसे किसी भी दूसरे भाषा में ट्रांसलेट कर सकते हैं।


Comment Group :– 

New Comments (Shift+F2) – इस ऑप्शन की सहायता से हम किसी भी विशेष शब्दों को सिलेक्ट करके उनमें टिप्पणी डाल सकते हैं या उसने कमेंट (Comments) डाल सकते हैं। 

Delete/Erase – इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में दिए गए किसी भी कमेंट को सिलेक्ट कर उसे डिलीट कर सकते हैं। 

Previous – इस ऑप्शन की सहायता से हम वर्तमान कमेंट से पिछली कमेंट पर पहुंच सकते है। 

Next – इस ऑप्शन की सहायता हम अपने वर्कशीट के वर्तमान कमेंट से अगली कमेंट पर पहुंच सकते हैं। 

Show/hide Comment – इस ऑप्शन की सहायता हम अपने वर्कशीट में एक्टिव सेल के कमेंट को दिखा या छिपा सकते है। 

Show All Comments – इस ऑप्शन की सहायता हम अपने वर्कशीट में लगाए गए सभी कमेंट को एक साथ देख सकते हैं।


Changes Group :- 

Protect Sheet – एक्सेल में Protect Sheet Option का प्रयोग करके हम अपने वर्कशीट में फॉर्मेटिंग और एडिटिंग को lock या Block कर रख सकते हैं। ऐसा करने से कोई दूसरा व्यक्ति हमारी वर्कशीट में कोई बदलाव नहीं कर पाएगा। 

         हमारे प्रत्येक शीटों को फॉर्मेटिंग और एडिटिंग से बचाने के लिए प्रत्येक शीटों में Protect Sheet का उपयोग करना पड़ेगा जैसे— एक्सेल में 3 Sheet होती है इसका उपयोग केवल एक बार में 1 शीट में काम करेगा। यदि हमें 2 Sheet को भी Protect करना है। तो इस ऑप्शन का फिर से उपयोग करना पड़ेगा। इसी प्रकार हम 3 Sheet को भी Protect कर सकते हैं। 

Protect Workbook – इस ऑप्शन का उपयोग करने पर कोई भी दूसरा व्यक्ति हमारे द्वारा जो बनाए गए। एक्सेल की फाइल में नई शीट इंसर्ट करना, किसी शीट को डिलीट करना, शीटों को Move करना, शीट का नाम बदलना, शीट को Hide और UnHide करने जैसे संबंधित कार्य नहीं कर सकता है।

Sunday, May 23, 2021

MS-EXCEL Data Tab in Hindi | एम.एस एक्सेल में डाटा टैब क्या है?

 

एम.एस एक्सेल में डाटा टैब की उपयोग और जानकारी आइए जाने हिंदी मेंं



MS-EXCEL Data Tab :- 

हम Excel की Data Tab को Keyboard से Alt+A दबाकर और Mouse से Data Tab पर Double Click कर Active कर सकते है। MS Excel कि Data Tab को Keyboard और Mouse दोनों के द्वारा इस्तेमाल कर सकते हैं।

यह टाइप डॉक्यूमेंट की दिखावट से संबंधित आइटम्स के लिए होता है; जैसे – Get External Data, Connections, Sort & Filter, Data Tools, Outline |




Date Validation –  यदि यूजर एक्सेल में कार्य करते हुए अपने द्वारा बनाए गए टेबल को कुछ विशेष नियमों से बांधना चाहते हैं तब वह रिसेप्शन का प्रयोग करता है जैसे- Any Value, Whole number, Decimal, List, Date, Time, Text lenght, Custom


Whole number – इस ऑप्शन का उपयोग करते समय Between करने पर minimum और maximum बताना पड़ता है। जैसे - 2 minimum 12 maximum तो हम वही संख्या को लिख सकते हैं 2 से कम तथा 12 से अधिक को नहीं लिख सकते हैं अथवा Not between करने पर इसका उल्टा कार्य करने लगेगा। 

इसके कुछ ऑप्शंस- Between, Not between, equal to, Not equal to, greater than, less than, greater than equal to, less than or equal to

Circle Invalid Bar – इस ऑप्शन की सहायता से हम पहले Data Validation में greater than 85 करने के बाद Circles Invalid Bar ऑप्शन का प्रयोग करने पर अगर 85 से कम वाले संख्या रहेगा तो उसमें गोल घेरा लग जाएगा । 

Date validation का प्रयोग करते समय हम इसमें कुछ इनपुट मैसेज और error massage भी डाल सकते हैं।

Clear Validation Circles – इस ऑप्शन के उपयोग से Circles Invalid Bar पहले जैसे हो जाएगा।

Sort – एम.एस एक्सेल में sort ऑप्शन का उपयोग करके हम अपने टेबल के कुछ नंबर या किसी डाटा को Ascending Descending क्रम में जमा सकते हैं।

Ascending (बढ़ते क्रम) _ 2,4,6,8_ A,B,C,D

Descending (घटते क्रम) _ 8,6,4,2 _ D,C,B,A

Filter – यह ऑप्शन हमारे टेबल में एक छन्नी की तरह कार्य करता है इसके द्वारा हम अपने टेबल के सिर्फ उन्हीं डाटा को छान कर देख सकते हैं जिसके लिए हम यह नियम लागू किए हैं।

Group – इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में कुछ चुने हुए रो और कॉलम का समूह बनाकर आवश्यकता के अनुसार उपयोग कर सकते हैं।

Un group – यदि हमारे ग्रुप ऑप्शन का उपयोग करके कॉलम और रो की समूह बनाए थे उन्हें वापस करना यह अलग करना चाहते हैं तब अनग्रुप करना पड़ेगा।


Saturday, May 22, 2021

MS-EXCEL Formula Tab in Hindi | एमएस एक्सल में फार्मूला टैब क्या है

 

एम.एस एक्सेल में  फार्मूला टैब की उपयोग और जानकारी आइए जाने हिंदी में




MS Excel Formula Tab :- 

हम Excel की Formula Tab को Keyboard से Alt+M दबाकर और Mouse से Formula Tab पर Double Click कर Active कर सकते है। MS Excel कि Formula Tab को Keyboard और Mouse दोनों के द्वारा इस्तेमाल कर सकते हैं।

यह टाइप डॉक्यूमेंट की दिखावट से संबंधित आइटम्स के लिए होता है; जैसे – Function Library, Defined Names, Formula Auditing और Calculation|



आइए जाने पहले फार्मूला और फंक्शन किसे कहते हैं।

Formula — एमएस एक्सेल में Formula/user difined (परिभाषित) होते हैं। किसी भी फार्मूला का शुरुआत " = " चिन्ह के साथ होती हैं। यदि हमें किसी फार्मूला को पहचानना है तो Arithmetic operator ( +, –, ×, ÷ ) की सहायता ली जाती है आई जानेे

Exa. :– = B1 + D2*5

               = Sum (A4, A3) – 20

                = 10 + 15 – 2

Function :- यह Pre defined होते हैं, यूज़र इन्हें परिभाषित नहीं कर सकता और ना ही फंक्शन में बदलाव कर सकता है फंक्शन की शुरुआत भी " = " चिन्ह के साथ की जाती है

यूजर जितने फंक्शन उपयोग में लाते हैं वे सभी किसी विशेष कार्यों के लिए तैयार होते हैं बनाए गए होते हैं

Function Library Group :-

Insert Functions –

 इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट के सैलो में फंक्शन को एडिट कर सकते है और नए सैल में नए फंक्शन को लगा सकते है।

Auto Sum –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में किसी नंबर या डाटा रेंज को आटोमेटिक जोड़ सकते है और minimum, maximum, average भी निकाल सकते हैं।

Recently Used –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में हाल ही में जो इस्तेमाल किए गए फंक्शन होते हैं उन्हें हम पुनः प्राप्त कर सकते हैं।

 Financial Functions –

एक्सेल में निम्नलिखित फाइनेंशियल फंक्शन  प्रयोग किए जाते हैं। जैसे:- DB, DCB, IPMT, IRR, MIRR, NPV, PV, RATE, SYD, etc.

Logical Functions – 

एक्सेल में लॉजिकल फंक्शनों का प्रयोग लॉजिक कार्यों के लिए किया जाता है निम्नलिखित फंक्शनों का प्रयोग आप एक्सेल में कर सकते हैं।

जैसे :- AND, FALSE, IF, NOT, OR, TRUE, etc.


Text Functions – 

एक्सेल में टेक्स्ट फंक्शनों का प्रयोग वर्कशीट में टेक्स्ट को इच्छित रूप में प्रयोग करने के लिए किया जाता है टेक्स्ट फंक्शन निम्नलिखित हैं

CHAR (number) इस फंक्शन के द्वारा हम किसी ASCII CODE से संबंधित अक्षरों का पता लगा सकते हैं

Syntex:- = CHAR (number)

Example:- = CHAR (59) Ans_ (;)

                      = CHAR (66) _ (B)


CODE (text) इस फंक्शन के द्वारा हम किसी करैक्टर का ASCII CODE जान सकते हैं।

Syntex:- = CODE (text)

Example:- = CODE ("V") _ 114

                    = CODE ("/") _ 47


CONCATENATE (text 1, text 2, .......) इस फंक्शन के द्वारा हम दो या दो से अधिक टेक्स्ट को जोड़कर एक साथ एक ही सैल में बिना स्पेस के दिखाया जा सकता है।

Syntex:- = CONCATENATE (text 1, text 2, .......)

Example:- = CONCATENATE ("pintu", "banjare) _ pintubanjare

                    = CONCATENATE ( A4, A7, A10)

Imp note – हम हम दो टेक्स्ट को जोड़ने के लिए (&) चिन्ह का भी प्रयोग कर सकते हैं।

Example:-   = CONCATENATE ("ajay"&"book"&"deepo")     _ ajaybookdeepo


LOWER (text) यह फंक्शन किसी भी कैपिटल लेटर टेक्स्ट को Small Letter में बदल देता है।

Syntex:- = LOWER (text)

Example:- = LOWER ("RAJA") _ raja

                    = LOWER ("RAHUL") _ rahul


UPPER (text) यह फंक्शन किसी भी Small later टेक्स्ट को Capital Letter में बदल देता है।

Syntex:- = UPPER (text)

Example:- = UPPER (raja) _ RAJA

                      = UPPER(rahul) _ RAHUL


LEN (text) यह फंक्शन किसी टेक्स्ट में उपयोग हुए अक्षरों को count करके या गिनकर कर बताता है कि उस टेक्स्ट में कितने शब्दों का इस्तेमाल किया गया है साथ ही स्पेस को भी गिनकर बताताा है।

Syntex:- = LEN (Text) 

Example:- = LEN (Rahul Sahu) _ 10

                    = LEN (ajay) _ 4


DOLLAR (number, decimal) यह फंक्शन किसी दिए गए टेक्स्ट नंबर को "$" चिन्ह के साथ प्रदर्शित करता है।

Syntex:- = DOLLAR (number, decimal)

Example:- = DOLLAR (85.674,2) _$85.67

                      = DOLLAR (85.674,2) _ $85.7

                      = DOLLAR (42.67,3) _ $42.670


MID (text, start_num, num_chars) यह फंक्शन का उपयोग करके हम जितने में टेक्स्ट लिखा गया है उसे गिनकर आने वाले टेक्स्ट को बताता सकते हैं।

Syntex:- = MID (text, start_num, num_chars)

Example:- = MID (Harishankar; 3, 4)


TRIM (text) यह फंक्शन किसी टेक्स्ट में उपयोग किए गए अतिरिक्त स्पेस को हटा कर दिखाने का कार्य करता है

Syntex:- = TRIM (Text) 

Example:- = TRIM ("Raaz Kumar") _ RaazKumar


FIND (find_text, within_text, start_num) यह फंक्शन एक टेक्स्ट वैल्यू के अंदर दूसरी टेक्स्ट वैल्यूू को खोजता है।

Syntex:- = FIND (find_text, within_text, start_num)

Example:- = FIND ("n", "anand vihar",4) ans– 7


LEFT (text, num_chars) यह फंक्शन टेक्स्ट वैल्यू का सबसे बाएं ओर का करैक्टर दर्शाता है।

Syntex:- = LEFT (Text, numb_chars) 

Example:- = LEFT ("Raju Sahu", 8) _ Raju Sah

                    = LEFT ("Ajay kumar", 3) _ Aja


RIGHT (text, num_chars) यह फंक्शन टेक्स्ट वैल्यू का सबसे दाएं ओर का करैक्टर दर्शाता है।

Syntex:- = RIGHT (Text, numb_chars) 

Example:- = RIGHT ("Raju Sahu", 6) _ u Sahu

                    = RIGHT ("Ajay kumar", 9) _ jay kumar



Date and Time Functions –

एक्सेल में निम्नलिखित डेट और टाइम फंक्शनों का प्रयोग कर सकते हैं।

DATE (year, month, day)DATE (year, month, day) यह फंक्शन द्वारा दिए गए year, month, day को दिनांक के अनुसार व्यवस्थित करता है।

Syntex :- = DATE (year, month, day)

Example:- = DATE(1966, 7, 13) _ 13/07/1966


NAW () यह फंक्शन सिस्टम का वर्तमान डेट और टाइम को दर्शाता है।

Syntex :- = NAW () 

Example:- = NAW () _ 21/05/2021 05:44


TIME (hour, minute, second) यह फंक्शन घंटे, मिनट, सेकंड को समय के अनुसार व्यवस्थित करता है।

Syntex :- = TIME (hour, minute, second)

Example:- = TIME (22, 45, 36) _ 10:34pm

                    = TIME (5, 50, 50) _ 05:50am


TODAY () यह फंक्शन हमारे कंप्यूटर के वर्तमान डेट को प्रदर्शित करता है

Syntex :- = TODAY ()

Example:- = TODAY () _ 21/05/2021


DAY 360 ( start, date, end, date, method) यह फंक्शन किसी दो दिनांक के बीच के बीते हुए दिन को गिन कर उसकी संख्या बताता है

Syntex :- = DAY 360 ( start, date, end, date, method) 

Example:- = DAY 360 ("23/11/2019", "27/11/2019") _ 4 day


Lookup and Reference Functions – 

ऐक्स ऐक्स एक्सेल में आप निम्नलिखित लुक अप और रेफरेंस फंक्शन प्रयोग कर सकते हैं

जैसे:- CHOOSE, COLUMN, COLUMNS, HLOOKUP, INDEX, LOOKUP, ROW, ROWS, etc.


Math & Trigonometry Functions :- 

एक्सेल में निम्नलिखित फंक्शनों का प्रयोग आप सामान्य गणितीय गणनाएं और वैज्ञानिक गणनाएं करने के लिए कर सकते हैं।

ABS (number) यह फंक्शन किसी संख्या को + या – चिन्ह के बिना प्रदर्शित करने का कार्य करता हैं।

Syntex :-       = ABS (number)

Example :-      ABS (–15)     ans :- 15

                         ABS (15)   _ 15

                         ABS (B2)

                         ABS (+17)   _ 17


EVEN (number) यह फंक्शन किसी सम संख्या का पता लगाता है और अगले आने वाले सम संख्या का पता लगाता है।

Syntex :-     = EVEN (number) 

Example:-   = EVEN (2) _ 2

                      = EVEN (-2.1) _ -4

                      = EVEN (D5) _  -2


ODD (number) यह फंक्शन किसी विषम संख्या का पता लगाता है और अगली आने वाली विषम संख्या का पता लगाता हैं।

Syntex :-     = ODD (number) 

Example:-  = ODD (1)      _ 1

                     = ODD (-1.3)    _ 3

                     = ODD (5)      _ 5

                     = ODD (C7)     _ 8


FACT (number) यह फंक्शन द्वारा किसी संख्या का Factorial मान ज्ञात किया जा सकता है 

जैसे– (5! = 1X2X3X4X5) ans – 120

Syntex :-   = FACT (number)

Example :-  = FACT (5)   _ 120


INT (number) यह फंक्शन किसी पूर्णांक संख्या का पता लगाया जा सकता है यह मान ज्ञात किया जा सकता है

Syntex:-     = INT (number)

Example:- = INT (2.38)        _ 2

                   = INT (-2.38)       _ 3

                   = INT (-1)            _ -1

                   = INT (-1.2)         _ -2

             

MOD (number, divisor) इस फंक्शन के द्वारा हम किसी संख्या को भाग देने के बाद बचे हुए शेषफल को जान सकते हैं

 Syntex:-       = MOD (number, divisor) 

 Example:-   =  MOD (120,6)       _ 0

                      = MOD (33,5)          _ 3

                      =  MOD (A6,5)

                      =  MOD (D4, F8)

                      =  MOD (number, divisor)

POWER (number, power) यह फंक्शन के द्वारा हम किसी संख्या में लगाए गए घटाओं को का मान ज्ञात कर सकते हैं जैसे– (5³!  = 5X5X5)    ans – 112

Syntex:-     = POWER (number, power) 

Example:-  = POWER (5, 3)  _ 12

                    = POWER (A6,3) 

                    = POWER (46,B4)

                    = POWER (F2,B10)


PRODUCT (number1, number2, number3) इस फंक्शन के द्वारा हम संख्याओं का गुणनफल प्राप्त कर सकते हैं

Syntex:-     = PRODUCT (number1, number2, number3)

 Example:- = PRODUCT (2, 4, 19)    _ 80

                    = PRODUCT (16, 25, C3)

                    = PRODUCT (A1:A12, 10)

                    = PRODUCT (A5:A12, C4:G4)


ROUND (number,   num_digits) इस फंक्शन के द्वारा हम किसी भी संख्या का मान दशमलव के दिए गए स्थानों तक का मान ज्ञात कर सकते हैं

Syntex:-.      = ROUND (number, num_digits) 

Example:-    = ROUND (17.854, 2)   _ 17.85

                      = ROUND (B5,C5)

                      = ROUND (67.23)         _ 67


SQRT (number) इस फंक्शन के द्वारा हम किसी संख्या का वर्गमूल ज्ञात कर सकते हैं

Syntex:-      = SQRT (number)

Example:-   = SQRT (121)     _ 11

                      = SQRT (64)       _ 8

                      = SQRT (D5)

Imp Note – इस फंक्शन के द्वारा ऋणात्मक संख्या का वर्गमूल ज्ञात नहीं किया जा सकता है।

SIGN (number) यह फंक्शन किसी धनात्मक संख्या को 1 और ऋणात्मक संख्या को -1 से प्रदर्शित करता है चाहे वह संख्या जितनी ही बड़ी क्यों ना हो उसका ans 1 ही आयेगा।

Syntex:- = SIGN (number)

Example:- = SIGN (99999)       _ 1

                    = SIGN (-99999)       _ -1


SUM (number1, number2, number3) इस फंक्शन को दो या दो से अधिक संख्याओं को जोड़ने के लिए उपयोग में लाया जाता है 

Syntex:-        = SUM (number1, number2, number3)

Example:-    = SUM (50, 40, 80)     _ 170

                      = SUM (A1, C3, G10)

                      = SUM (A1:A10, 50)

                      = SUM ( A1:G10)

                     = SUM (A1:A10, B2:B3


More Functions – इस ऑप्शन में स्टैटिकल, इंजीनियरिंग, क्यूब और इनफार्मेशन (Statistical, Engineering, Cube, Web)  से सम्बंधित फंक्शन मिलते है।

Statistical Functions  एक्सेल में निम्नलिखित सांख्यिकीय फंक्शनों का प्रयोग किया जाता हैै।

AVERAGE (number 1, number 2, ....) यह फंक्शन एक निश्चित संख्या का औसत दर्शाता है

Syntex:- = SUM (number 1, number  2, .....)

Example:- = AVERAGE (2, 4) ans  3


COUNT (value1, value2, .....) यह फंक्शन एक निश्चित रेंज के अंदर मौजूद संख्याओं को गिन कर संख्या को बताता है।

Syntex:- = COUNT (value1, value2, .....) 

Example:- = COUNT (7, 10, 45, 8)    _ 4

                    = COUNT (A1, A6, 13)

                    = COUNT (A1:A5, B1:B10) 


MAX (number1, number2, .....) यह फंक्शन का उपयोग कर हम सबसे बड़ी संख्याओं को खोज कर बता सकते हैं‌।

Syntex:- = MAX (number1, number2, .....)

Example:- = MAX (40, 69, 89, 80, 95)    _ 95

                    = MAX (A1:C3, D1:D3)


MAN (number1, number2, .....) यह फंक्शन का उपयोग कर हम सबसे छोटी संख्याओं को खोज कर बता सकते हैं।

Syntex:- = MAN (number1, number2, .....)

Example:- = MAN (40, 69, 35, 80, 95) _ 35

                    = MAN (A1:A3, D1:D3)


Defined Name Group :-

Defined Name – इस ऑप्शन का प्रयोग कर हम अपने वर्कशीट में दो या दो से अधिक सैलो का नाम देने के लिए करते हैं।

Use in Formula –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में किसी डिफाइन किये गए रेंज के नाम को फॉर्मूले के रूप में इस्तेमाल करने के लिए किया जाता हैं।

Name Manager – 

इस ऑप्शन का उपयोग करके हम अपने वर्कशीट में किसी कॉलम या रो को नाम दे सकते हैं साथ ही एडिट और डिलीट भी कर सकते हैं। उसेे शॉर्टकट की Ctrl+F3 की सहायता से भी कर सकते हैं।


Formula Editing Group :-


Trace Precedents –

 इस ऑप्शन की सहायता से हम वर्कशीट में किसी सैल में लिखे गए किसी डाटा या नंबर का पता लगा चाहते हैं कि यह नंबर कहां से आया है तो हम किसी सैल को सिलेक्ट कर इस ऑप्शन का उपयोग करेंगें तो उसी ओर तीर का निशान प्रदर्शित करता है।

Trace Dependents –

इस ऑप्शन की सहायता से हम वर्कशीट के किसी सैल में लिखे गए किसी डाटा या नंबर दूसरे सैल में  लिखे गए किसी डाटा या नंबर पर निर्भर हैं तो हम सैल को सिलेक्ट कर जब इस ऑप्शन का उपयोग करेंगें  तो उसी ओर तीर का निशान प्रदर्शित होगा।

Remove Arrows –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट के एरो को शीट से हटा सकते हैं।

Show Formulas –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में लगाए गए सभी फॉर्मूलों को देखा जा सकते हैं। 

Error checking –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने डॉक्यूमेंट में अगर कुछ error आता हैं तो हम error checking की सहायता से check कर गलतियों का पता लगा सकते हैं, और उसे सुधार भी सकते हैं।

###### Error

Name Error ( #NAME? )

Division Error ( #DIV )

Value Error ( #VALUE! )

Reference Error ( #REF! )

Null Error ( #NULL! )


Evaluate Formula –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट के किसी सैल में लगाए गए फॉर्मूला की एडिटिंग कर सकते हैं, उससे में लगाए गए फार्मूला किस किस की वैल्यू स्टोर है और फार्मूला किसने लगाया है यह सब की जानकारी स्टेप बाई स्टेप हम जान सकते हैं।

Watch window –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट के जिस सैल में कौन सा मान स्टोर है और उसका क्या सेल एड्रेस है और उसमें कौनसा फार्मूला लगाया गया है यह सभी जानकारी यहां से आपको एक अलग विंडो में देखने को मिलता मिल जाएगा।


Calculation Group :-

Calculation Options –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में कैलकुलेशन को आटोमेटिक व मैन्युअल रख सकते है। 

Calculate Now – 

इस ऑप्शन की सहायता से जब कैलकुलेशन मैन्युअल होती है तब इस ऑप्शन पर क्लिक करने पर ही कैलकुलेशन अपडेट हो जाती है।

Calculate Sheet –

इस ऑप्शन की सहायता से पूरे शीट की कैलकुलेशन एक साथ अपडेट हो जाती है।

Wednesday, May 19, 2021

MS-EXCEL Page Layout Tab in Hindi | एम.एस एक्सेल में पेज लेआउट टैब की उपयोग व जानकारी हिंदी में

 

एम.एस एक्सेल में पेज लेआउट टैब की उपयोग व जानकारी आइए जाने हिंदी में 


Page Layout Tab :- 

हम Excel की Home Tab को Keyboard से Alt+P दबाकर और Mouse से Home Tab पर Double Click कर Active कर सकते है। MS Excel कि Home Tab को Keyboard और Mouse दोनों के द्वारा इस्तेमाल कर सकते हैं।

यह टाइप डॉक्यूमेंट की दिखावट से संबंधित आइटम्स के लिए होता है; जैसे – Themes, Page Setup, Scale to Fit, Sheet Options, Arrange|



1. Themes Group :-

(i) Themes – यूजर अपने डॉक्यूमेंट के फाइल में थीम बदलने के लिए बदलने के लिए ऑप्शन का प्रयोग करता हैं।


(ii) Colors – यूजर अपने डॉक्यूमेंट फाइल के थीम का रंग बदलने के लिए इस ऑप्शन का प्रयोग करता है।


(iii) Fonts – यूजर अपने डॉक्यूमेंट फाइल के थीम का फॉण्ट बदलने के लिए इस ऑप्शन का प्रयोग करता हैं।


(iv) Effects – 

यूज़र अपने द्वारा बनाए गए डॉक्यूमेंट के थीम में इफेक्ट डालने के लिए इस ऑप्शन का प्रयोग किया जाता हैं।


2. Page Setup Group :– 

यूजर डॉक्यूमेंट तैयार करने से पहले पेजों से संबंधित जो भी आवश्यक बदलाव करता है उसे पेज सेटअप या पेज फॉर्मेटिंग कहा जाता है पेज सेटअप के अंतर्गत हम मार्जिन सेट करना, पेज का ओरियंटेशन (Orientation) चुनना, पेज का साइज सिलेक्ट करना और पेजों को कॉलम्स (Column) में बांटने का कार्य किया जाता है।


Margins – 

इस ऑप्शन की सहायता से हम पेज में मार्जिन सेट कर सकते हैं पेजों में कुल चार मार्जिन होते हैं (Top, Bottom, Left, Right)।

यदि यूजर अपने अनुसार मार्जिन सेट करना चाहता है तब वह कस्टम मार्जिन्स ऑप्शन (Custom Margins) का प्रयोग करता है।


Orientation — 

यदि यूजर डॉक्यूमेंट लिखते समय पेजों को किस प्रकार रख कर लिखना चाहता है तब वह Orientation ऑप्शन का प्रयोग करता है।

Orientation दो प्रकार की होती है (i) Portrait, (ii) Landscap


Page Size — 

यूज़र डॉक्यूमेंट लिखने के लिए कौन सी पेपर साइज का (Letter, Legal, A4, A3) इस्तेमाल करना चाहता है तो इस ऑप्शन का प्रयोग किया जाता हैं।

Print Area – 

पेज सेटअप के अंतर्गत Print Area ऑप्शन की सहायता से हम अपने टेबल या वर्कशीट के कुछ महत्वपूर्ण भागों को सिलेक्ट कर हम (set print area) सेट प्रिंट एरिया ऑप्शन पर क्लिक करके सेट कर सकते हैं सिलेक्ट की गए भागों की छपाई हो जाने के बाद हमें प्रिंट एरिया ऑप्शन की के अंतर्गत Clear Print Area पर क्लिक करना होता है जिससे वह अपनी पहली स्थिति में हो जाए।

Break – इस ऑप्शन के सहायता से वर्कशीट के कॉलम और टेक्स्ट line को तोड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान में कर्सर को अगले पेज, कॉलम या लाइन पर ले जा सकते हैं।

Background –  

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट के बैकग्राउंड में पिक्चर इंसर्ट कर सकते हैं।

Print Tittle –  

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट के सभी कॉलम और रो के हेडिंग को प्रिंट करने के लिए करते हैं यदि एक से ज्यादा पेज होगा तो प्रत्येक पेज पर कॉलम और रो की हेडिंग दिखाई देगी।



3. Scale to Fit Group :-

Width – 

इस ऑप्शन का उपयोग हम अपने वर्कशीट को प्रिंट करते समय इसकी चौड़ाई सेट करने के लिए करते हैं।

Height –

इस ऑप्शन का उपयोग हम अपने वर्कशीट को प्रिंट करते समय इसकी लंबाई सेट करने के लिए करते हैं।


Scale – 

इस ऑप्शन का उपयोग हम अपने वर्कशीट को प्रिंट करते समय scale size  को कम या ज्यादा करने के लिए करते है।

4. Sheet Options Group :-

Grid line –

इस  ग्रिडलाइन ऑप्शन में दो चेकबॉक्स मिलते है जिस पर चेक और अनचेक करने से हम ग्रिडलाइन को वर्कशीट से या प्रिंट करते समय छिपाने और दिखाने के लिए करते है।

Headings – 

इस हेडिंग ऑप्शन में दो चेकबॉक्स मिलते है जिस पर चेक और अनचेक करने से हम ग्रिडलाइन को वर्कशीट से या प्रिंट करते समय छिपाने और दिखाने के लिए करते है।


5. Arrange Group :-

Bring to Front –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में किसी पिक्चर, क्लिप आर्ट्स, स्मार्ट आर्ट्स, शेप को दूसरी पिक्चर, क्लिप आर्ट्स, स्मार्ट आर्ट्स, शेप  को उसके आगे लगा सकते हैं।

Send to Back –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में किसी पिक्चर, शेप, क्लिप आर्ट को दूसरी पिक्चर, शेप, क्लिप आर्ट के पीछे आसानी ले जा सकते हैं।

Selection Pane –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में पिक्चर, शेप, ऑब्जेक्ट आदि के नाम की लिस्ट को टिक करके हम पिक्चर, शेप, ऑब्जेक्ट आदि को सेलेक्ट कर सकते है और उन्हें छिपा और दिखा सकते है। 

Align –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट के किसी भी पिक्चर या शेप का एलाइनमेंट अपने हिसाब से बदलने के लिए करते है।

Group –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट के दो या दो से अधिक सिलेक्ट किए गए पिक्चर, शेप्स, चार्ट को एक साथ जोड़ कर उनका ग्रुप बना सकते हैं।

Rotete –

इस ऑप्शन की सहायता से हम अपने वर्कशीट में इंसर्ट किए ऑब्जेक्ट को 90° को घुमाने के लिए किया जाता है। और वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल भी घुमा सकते हैं।

Sunday, May 16, 2021

MS-EXCEL Insert Tab in Hindi एमएस एक्सल में इंसर्ट टैब क्या है इसके उपयोग व जानकारी


एम.एस एक्सेल में इंसर्ट टैब क्या है इसका उपयोग व जानकारी आइए जाने हिंदी में




MS-EXCEL Insert Tab :- 

एमएस एक्सेल की इंसर्ट टैब को हम कीबोर्ड  से Alt+N दबाकर और Mouse से Insert Tab पर Double Click कर Active कर सकते है 
MS Excel कि Insert Tab को Keyboard और Mouse दोनों के द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
 MS-Excel कि Insert Tab के ग्रुप – Tables, Illustrations, Charts, Links, Text, Symbols है। आइए जाने इसकी पूरी जानकारी हिंदी में



Tablets Group :–


Pivot Table –
इस ऑप्शन की सहायता से किसी सामान्य टेबल को पाइवोट टेबल में बदलने के लिए किया जाता है इसमें हम सामान्य टेबल के फिल्ड को विशेष क्रम में लगा सकते है।

Pivot Chart –
इस ऑप्शन की सहायता से हम वर्कशीट से वर्तमान टेबल के किसी कॉलम के टेक्स्ट या डाटा और इसके एक से अधिक कॉलम से  वैल्यू के लिए पाइवोट चार्ट बना सकते है।

Table – डॉक्यूमेंट में यदि हम सूचनाओं को सारणी बध रुप में प्रदर्शित करना चाहते हैं तब हम टेबल ऑप्शन का प्रयोग करते हैं।

Illustrations Group :–

यह ग्रुप में Insert Tab का वह ऑप्शन है। जो डॉक्यूमेंट को और भी अच्छे तरीके से दिखाने के लिए और उसमें Pictures, Shapes, Smart Art जोड़ने के लिए मदद करता है।

Picture — यदि यूजर अपने द्वारा बनाएं जा रहे डॉक्यूमेंट में पिक्चर या इमेज इंसर्ट करना चाहता है तब इस ऑप्शन का प्रयोग किया जाता है।

Clip Art — क्लिप आर्ट से हम Search For में जाकर हम जो भी क्लिप आर्ट का नाम सर्च करते हैं वह सामने आ जाते हैं एम.एस वर्ड में बहुत से Shapes पहले से ही Save रहते हैं।
जैसे :– House, Car, Computer, Bas आदि


Shapes — यदि हमें डॉक्यूमेंट बनाते समय कुछ डायग्राम (रेखा चित्र) फ्लो चार्ट बनाना हो या तैयार करनी हो तब हम अलग-अलग आकृतियों का प्रयोग Shape की सहायता से कर सकते हैं।
जैसे :– तीर का चिन्ह, सर्कल, वर्ग, त्रिकोण, आयात आदि का (Shape) सेप जोड़ सकते है।

Smart Art – इस ऑप्शन से आप किसी भी डॉक्यूमेंट में चक्र चार्ट, पिरामिड चार्ट इत्यादि जैसे ग्राफिक्स को जोड़ सकते है। यह ऑप्शन का प्रयोग विज्ञान और गणितीय  कार्यों के लिए किया जाता है।


Chart Group :–  इस ऑप्शन केे द्वारा हम डॉक्यूमेंट शीट पर चार्ट बना सकते है। 


Chart — एम एस एक्सेल में चार्ट का उपयोग प्रयोग करके हम आंकड़ों को ग्राफिकल रूप में दिखा सकते हैं चार्ट का उपयोग करने से आंकड़े को समझने में और भी प्रभावित हो जाती है आंकड़ों को आसान करने के साथ-साथ डाटा की तुलना करने में मदद करता है Chart निम्नलिखित प्रकार के होते हैं
• Column charts — 2-D column, 3-D column, cylinder, pyramid
• Line — 2-D line, 3-D line
• Pie — 2-D pie, 3-D pie
Bar — 2-D Bar, 3-D Bar, cylinder, cone, pyramid
• Area — 2-D Area, 3-D Area
• Scatter —
• Other Charts — Stoct, Surface, Doughnut, Pader



Links Group :– 

यह एमएस एक्सेल में Insert Tab का वह ऑप्शन है जो एम.एस एक्सेल के डॉक्यूमेंट शीट को Internet से Pages को लिंक करने में इस्तेमाल किया जाता है।

Hyperlinks (Ctrl+K) — यदि हम वर्तमान वर्कशीट में कार्य करते हुए किसी दूसरे फाइल (ऑडियो फाइल, वीडियो फाइल, एमएस एक्सेल फाइल, इमेज फाइल) या फोल्डर से जुड़ना चाहते हैं तब हाइपरलिंक ऑप्शन का इस्तेमाल करते हैं।
         फाइल या फोल्डर से जुड़ने से पहले हम उससे संबंधित फाइल का लिंक तैयार करते हैं उसके बाद लिंग से जोड़ने के लिए हमें Ctrl बटन के साथ माउस का Left बटन पर क्लिक करना होता है।



Header & Footer - यह एम.एस एक्सेल में Insert Tab का वह ऑप्शन है। जब किसी File को Print करते समय हमें उसके हर शीट के ऊपर या नीचे Heading, Page Number, Document Tittle, Document Subtitle, Document Writer Name, Document Signature, इत्यादि की आवश्यकता होती है तो हम इसका इस्तेमाल कर सकते है।

Header – एम.एस एक्सेल में डॉक्यूमेंट के हर वर्कशीट का ऊपरी भाग को Header कहलाता है। हेडर के शीट हेडिंग में Sheet Number, Sheet Tittle, writer name इत्यादि Add करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

Footer – एम.एस एक्सेल में डॉक्यूमेंट के हर शीट के निचले भाग को Footer कहलाता है फूटर के शीट हेडिंग में Signature, Number इत्यादि Add करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

Text Group :–

 
Text Box — यदि हम अपने बनाए गए डॉक्यूमेंट में किसी विशेष टॉपिक को एक बॉक्स के अंदर अलग से प्रदर्शित करना चाहते हैं तब इस ऑप्शन का प्रयोग किया जाता है।
एमएस एक्सेल हमें पहले से बने Formeted कुछ टेक्स्ट बॉक्स प्रदर्शित करता है जिसमें से किसी एक का चयन करते हैंं पहले से बने Formet Shapes होता है जिस पर हम अपने जरूरत के अनुसार टेक्स्ट में बदलाव कर सकते हैं।


Word Art — यूज़र डॉक्यूमेंट में कुछ आकर्षक और सजावटी टेक्स्ट लिखने के लिए वर्ड आर्ट ऑप्शन का प्रयोग किया जाता है।

Object —
इस ऑप्शन से हम किसी अन्य प्रोग्राम जैसे वर्ड , पॉवरपॉइंट, नोटपैड, फोटोशॉप आदि में बनायीं गयी फाइल अपनी एम.एस. एक्सेल की शीट में सीधे लाया जा सकता है अथवा उसमे जा कर कार्य भी किया जा सकता है और शीट पर लाया जा सकता है।

Symbol — 
कभी-कभी डॉक्यूमेंट तैयार करते समय हमें कुछ विशेष प्रतीक चिन्ह Symbols की आवश्यकता पढ़ने पर इस ऑप्शन का उपयोग किया जाता है।

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