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Saturday, June 5, 2021

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं | Computer ke prakar in hindi

 कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं। और उसके फायदे और नुकसान क्या-क्या है। पूरी जानकारी आइए जाने हिंदी में

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कंप्यूटरों को उनकी रुपरेखा, कामकाज, उद्देश्य तथा परियोजनाओं इत्यादि के आधार पर विभिन्न प्रकार में विभाजित किया जा सकता है जिसका संक्षिप्त वितरण निम्नवत् हैं ।

कार्य के आधार पर (Basis on Work) :-  कार्य के आधार पर कंप्यूटर तीन प्रकार के होते हैं जिनका संक्षिप्त वितरण निम्नानुसार  है ।

(01) एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) 

यह ऐसा कंप्यूटर है जिसका उपयोग ज्यादातर विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में किया जाता है, यह कंप्यूटर भौतिक मात्राओं को मापने में किया जाता है जैसे– तापमान, गति, लंबाई, ऊंचाई, प्रतिरोध इत्यादि का मापकर उनके परिणाम को अंको मे प्रस्तुत करने के लिए करते हैं ।

उदाहरण:– एक पेट्रोल पंप पर लगा एनालॉग कंप्यूटर पंप से निकले पेट्रोल की मात्रा को माफ कर लीटर में दिखाता है तथा उसके मूल्य की गणना करें स्क्रीन पर दिखाता है ।

Analog Computer

लाभ (Advantages)

  1. गणनाएं जो एक डिजीटल कंप्यूटर के लिए अति कठिन होती हैं, इन्हें इलेक्ट्रिक एनालॉग कंप्यूटर द्वारा बड़ी गति से किया जा सकता है।
  2. एनालॉग कंप्यूटरों को बाइनरी से एन्कोड और डिकोड करने की आवश्यकता नहीं होती है, और इसके बजाय सीधे बिजली के भौतिक गुणों का उपयोग करते हैं।
  3. एनालॉग कंप्यूटर विशेष रूप से विभेदक समीकरणों द्वारा वर्णित स्थितियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयुक्त हैं।

कमियां (Drawbacks)

  1. एनालॉग कंप्यूटर में बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर करने के लिए डिजिटल कंप्यूटर की क्षमता नहीं होती है।
  2. उनके पास डिजिटल मशीनों की प्रोग्रामिंग द्वारा वहन की जाने वाली तार्किक सुविधाएं नहीं हैं।
  3. यद्यपि कंप्यूटिंग इकाइयों द्वारा निष्पादित अंकगणितीय कार्य डिजिटल सिस्टम की तुलना में एनालॉग मशीनों में अधिक जटिल होते हैं, एक एनालॉग मशीन में उच्च स्तर की सटीकता प्रदान करने के लिए आवश्यक हार्डवेयर की लागत अक्सर निषेधात्मक होती है।

(02) डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)

वह कंप्यूटर है जो अंको की गणना करता है इस कंप्यूटर का उपयोग व्यापार चलाने के लिए घर का बजट तैयार करने के लिए किया जाता हैं । यह कंप्यूटर मात्रा में कितना के आधार पर प्रश्न का उत्तर देते हैं ।

लाभ (Advantages)

  1. डिजिटल रुप से प्रदर्शित संकेतों को शोर के कारण विकृत हुए बिना संचारित किया जा सकता है।
  2. एक संकेत का अधिक सटीक प्रतिनिधित्व प्रतिनिधित्व के लिए अधिक द्विआधारी अंकों का उपयोग करके प्राप्त किया जा सकता है।
  3. कम महंगा ।
  4. अधिक भरोसेमंद।
  5. हेरफेर करने में आसान ।
  6. लचीला ।
  7. अन्य डिजिटल सिस्टम के साथ संगतता ।
  8. केवल डिजिटाइज्ड जानकारी को बिना गिराए शोर वाले चैनल के माध्यम से ले जाया जा सकता है।
  9. एकीकृत नेटवर्क ।

हानि (Disadvantages)

  1. डिजिटल सर्किट उसी कार्य को पूरा करने के लिए एनालॉग सर्किट की तुलना में अधिक ऊर्जा का उपयोग करता है, इस प्रकार अधिक गर्मी का उत्पादन करता है जो सर्किट की जटिलता को बढ़ाता है जैसे हीट सिंक शामिल करना।
  2. डिजिटल सर्किट कभी ।
  3. प्रतिचयन त्रुटि ।
  4. डिजिटल कम्यूनिकेशन को एनालॉग की तुलना में अधिक बैंडविड्थ की आवश्यकता होती है ताकि एक ही सूचना संचरित की जा सके।
  5. डिजिटल सिग्नल की पहचान के लिए संचार प्रणाली को तुल्यकालित करने की आवश्यकता होती है, जबकि आम तौर पर यह बात एनालॉग प्रणालियों के मामले में नहीं है ।

(03) हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer) 

हाइब्रिड कंप्यूटर का अर्थ है अधिक गुण धर्म वाला होना अतः यह कंप्यूटर जो एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर दोनों के गुण हो हाइब्रिड कंप्यूटर कहलाते हैं ।

उदाहरण:– पेट्रोल पंप मशीन का कंप्यूटर एक हाइब्रिड कंप्यूटर है ।



उद्देश्य के आधार पर (Basis on Purpose) :- उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर दो प्रकार के होते हैं जिसका संक्षिप्त वितरण नियम अनुसार है ।

(01) जनरल पर्पस कंप्यूटर (General Purpose Computer) 

ऐसा कंप्यूटर है जिन्हें सामान्य उद्देश्य के लिए तैयार किया गया है इन कंप्यूटरों में अनेकों प्रकार के कार्य करने की क्षमता होती है इन में उपस्थित CPU की क्षमता तथा कीमत कम होती है इन कंप्यूटर का उपयोग सामान्य कार्य हेतु किया जाता है ।

जैसे- (i) एप्लीकेशन तैयार करने के लिए । (ii) डॉक्यूमेंट प्रिंट करने के लिए किया जाता है ।

सीमाएं (Limitations)

  • इसके सी.पी.यू. की क्षमता सीमित होती है इस कारण विशिष्ट अनुप्रयोग में इन्हें उपयोग में नहीं लाया जाता है ।

(02) विशिष्ट उद्देश्य कंप्यूटर (Special Purpose Computer) 

यह ऐसा कंप्यूटर होते हैं जो किसी विशेष कार्य को करने के लिए तैयार किए जाते हैं इनके सीपीयू की क्षमता उस कार्य के अनुसार होता है जिसके लिए उन्हें तैयार किया जाता है । 

इन कंप्यूटरों का उपयोग – (i) अंतरिक्ष विज्ञान (ii) मौसम विज्ञान (iii) कृषि विज्ञान (iv) चिकित्सा (v) इंजीनियरिंग के क्षेत्र में (vi) अनुसंधान एवं शोध के क्षेत्र में ।

सीमाएं (Limitations)

  • इस प्रकार के कंप्यूटर विशेष कार्य के लिए निर्मित किए जाते हैं यह केवल वही कार्य करते हैं जिसके लिए इसका निर्माण किया गया है । अन्य कार्य इस पर नहीं किए जा सकते हैं ।
  • इसकी लागत अधिक होती है ।
  • इसका आंतरिक परिपथ (Internal Circuit) जटिल होता है ।


आकार एवं क्षमता के आधार पर (Basis on Size and Capacity) :- आकार के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते हैं जिनके संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है ।

(01) माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) 

यह कंप्यूटर अन्य कंप्यूटरों की अपेक्षा आकार में छोटा होता है माइक्रो कंप्यूटर आकार में इतना छोटा होता है कि हम इसे डेस्क (Desk) पर सफलतापूर्वक रख या ब्रीफकेस में भी रख सकते हैं यह माइक्रो कंप्यूटर सभी प्रकार के कार्य कर सकते हैं ।

आधुनिक युग में माइक्रो कंप्यूटर फोन के आकार, पुस्तक के आकार, घड़ी के अकार में उपलब्ध है ।

इन कंप्यूटरों का उपयोग मुख्यता व्यवसाय तथा चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है । जैसे- IMAC, IBM, P3/2, APPLE MAC इत्यादि ।

– माइक्रो कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं –

1. डेस्कटॉप कंप्यूटर (Desktop Computer) डेस्कटॉप कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते हैं जिन्हें के बल पर रखकर चलाया जाता है ।

2. लैपटॉप कंप्यूटर (Laptop Computer) इन कंप्यूटरों का आकार डेस्कटॉप कंप्यूटरों की तुलना में छोटा होता है इन कंप्यूटरों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जाया जा सकता है इनमें पावर के लिए बैटरी का प्रयोग होता है ।

3. पॉम टॉप (Palmtop Computer) यह कंप्यूटर लैपटॉप कंप्यूटर से भी छोटा होता है इसे हथेली में रखकर चलाया जाता है इनकी कार्य करने की क्षमता लैपटॉप से थोड़ी कम होती है ।

4. टेबलेट कंप्यूटर (Tablet Computer) ये बहुत ही छोटे कंप्यूटर होते हैं । ये मोबाइल से थोड़े बड़े होते हैं । यह कंप्यूटर टचस्क्रीन होता है ।

सीमाएं (Limitations)

  • एक समय में एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है ।
  • कार्य करने की क्षमता कम होती है ।

(02) मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)

माइक्रो कंप्यूटर से कुछ अधिक गति वाले, मेमोरी वाले कंप्यूटर को मिनी कंप्यूटर कहते हैं । इनमें एक से अधिक cpu हो सकते हैं जो माइक्रो कंप्यूटर से महंगे होते हैं इस कंप्यूटर पर एक ही समय पर एक से अधिक (4 से 32) लोग काम कर सकते हैं ।

इस प्रकार के कंप्यूटर से अन्य सहायक उपकरण जैसे प्रिंटर (Print), प्लॉटर (Plotter) आदि जोड़े जा सकते हैं ।

इस कंप्यूटर का उपयोग प्राय: छोटी या मध्य स्तर की कंपनी करती है । मिनी कंप्यूटर की गति 10 से 30 MIPS (Million Instructions Par Second) होती हैं । जैसे – HP900, RISC 600, BULL HN-DPX2 और AS 400 आदि ।



सीमाएं (Limitations)

  • यह माइक्रो कंप्यूटर की अपेक्षा महंगे होते हैं ।
  • इसका आंतरिक परिपथ (Internal Circuit) जटिल होता है ।
मिनी कंप्यूटर के लाभ (Advantages of Mini computers)

  1. इसकी सामर्थ्य यानी लागत प्रभावी छोटे व्यवसाय जो अतीत में एक महंगा केंद्रीय कंप्यूटर खरीदने में असमर्थ थे, उन्होंने पाया है कि वे अब मिनी कंप्यूटर खरीद सकते हैं।
  2. यह आमतौर पर समर्पित कंप्यूटर के रूप में उपयोग किया जाता है, अर्थात, विशेष रूप से एक प्रसंस्करण कार्य के लिए उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, कार्यक्रम के विकास या पेरोल की तैयारी के लिए।

(03) मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer) 

मेनफ्रेम कंप्यूटर मिनी कंप्यूटर से कुछ गति व अधिक क्षमता वाले होते हैं । यह कंप्यूटर अकार में बहुत बड़े होते हैं इन कंप्यूटरों में डाटा को तीव्र गति से प्रोसेस करने की क्षमता अधिक होती है तथा इस कंप्यूटर में एक साथ सैकड़ों व्यक्ति कार्य कर सकते हैं इन कंप्यूटरों को एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता होती है जिससे इसका तापमान नियंत्रित रहे । इन कंप्यूटर का मूल्य बहुत अधिक होता है । 

Mainframe Computer

इसका उपयोग प्राय:  (i) बड़ी औद्योगिक कंपनियों में (ii) रेलवे आरक्षण (iii) रिसर्च संगठनों में (iv) इंश्योरेंस कंपनीयों में (v) बिलों को भेजने (vi) कर्मचारियों का भुगतान करने (vii) सरकारी विभाग में केन्द्रीय कंप्यूटर के रूप में इत्यादि कार्यों में किया जाता है; जैसे – CRAY -1, CDS-CYBER, IBM 4381, ICL 39, UNIVAC-1110 आदि ।

सीमाएं (Limitations)

  • अधिक महंगे होते हैं ।
  • विशेष शक्ति (Power) व वातानुकूलित प्रयोगशालाओं अथवा कक्षाओं की आवश्यकता होती है ।
लाभ (Advantages)
  1. प्रति सेकंड हजारों लेनदेन का समर्थन करता है ।
  2. एक साथ हजारों उपयोगकर्ताओं और अनुप्रयोगों की सेवा कर सकता है ।
  3. बड़ी मात्रा में डेटा का प्रबंधन करने में सक्षम ।
  4. क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क की तुलना में अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित ।
  5. लीगेसी मेनफ़्रेम सॉफ़्टवेयर के साथ पश्चगामी संगतता, जो तब उपयोगी होती है जब आपके संगठन ने पहले से ही मेनफ़्रेम कंप्यूटिंग में भारी निवेश किया हो ।
नुकसान (Disadvantages) 
  1. मेनफ्रेम ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ पश्च-संगतता की आवश्यकता है।
  2. सिस्टम को चलाने के लिए डेडिकेटेड स्टाफ की जरूरत होती है।
  3. क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क की तुलना में प्रारंभिक स्टार्ट-अप लागत अधिक हो सकती है - जो छोटे से शुरू हो सकती है और बाद में विस्तारित हो सकती है। आपको बस एक छोटा क्लाइंट-सर्वर सिस्टम चाहिए।
  4. डिफ़ॉल्ट रूप से, सिस्टम में कोई भौगोलिक वितरण नहीं बनाया गया है, और यह कुछ ऐसा है जिसे क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  5. वे बहुत अधिक जगह ले सकते हैं और उन्हें समर्पित पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता होती है, उदाहरण के लिए, शीतलन प्रणाली।

(04) सुपर कंप्यूटर (Super Computer)

सुपर कंप्यूटर सबसे अधिक गति वाले या अधिक क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं इसमें अधिक सीपीयू लगा सकते हैं सुपर कंप्यूटर में एक से अधिक व्यक्ति काम कर सकते हैं यह कंप्यूटर अधिक महंगे होते हैं ।

Super Computer


इस कंप्यूटर का उपयोग – (i) वैज्ञानिक शोध प्रयोगशालाओं में (ii) मौसम भविष्यवाणी में (iii) अंतरिक्ष शोध प्रयोगशालाओं में (iv) एनिमेशन तथा चलचित्र का निर्माण करने मेंं (v) शोध कार्य और खोज करने में, सैन्य और वैज्ञानिक अनुसंधान इत्यादि कार्यों में किया जाता है; जैसे – PARAM, PARAM 10000, CRAY -1, CRAY -2, NEC-500 आदि ।

भारत में पहला सुपर कंप्यूटर CDAC पुणे में निर्मित किया गया है जिसका नाम परम (PARAM) है इसका विकसित रूप परम 10000 भी तैयार कर लिया गया है

सुपर कंप्यूटर के अन्य उदाहरण – CRAY-3 (Control Data Corporation), Cyber 205 (ETA System incorporation)

लाभ (Advantages)

  1. अधिक आसानी से बिट्स (qubits) को एन्कोड करें ।
  2. क्वांटम एल्गोरिथ्म आश्चर्यजनक रूप से तेजी से परिणाम देता है ।
  3. शास्त्रीय कंप्यूटिंग के सभी कार्य कर सकते हैं ।
  4. क्यूबिट्स एक साथ 0 और 1 के रूप में मौजूद हो सकते हैं ।
  5. केवल एक ही प्रोसेसर की जरूरत है ।

नुकसान (Disadvantages)

  1. वर्तमान में हमारी पहुंच से बाहर ।
  2. "सुसंगत राज्य" क्वांटम कंप्यूटर संचालन के लिए मौलिक है, कुछ हद तक बेकाबू है ।
  3. हम अक्सर क्वांटम घटना पर ठोकर खाते हैं, शायद ही कभी उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश करें ।
  4. परमाणु ऊर्जा अवस्था को बहुत तेजी से बदलते हैं, गणना करना कठिन बनाता है ।


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